शनि ग्रह का बड़ा महत्व रहा है। इसको वैदिक ज्योतिष में विषेश स्थान दिया जाता है। मकर और कुंभ राशि के स्वामी शनि होते हैं। तुला इनकी उच्च राशि में है जबकि मेष इनकी नीच राशि मानी जाती है। एक राशि में शनि का ठहराव ढ़ाई वर्ष तक का होता हैं। इनकी गति सभी ग्रहों में सबसे धीमी मानी जाती हैं। साढ़े सात वर्ष की शनि की दशा होती है। बता दें कि वैदिक ज्योतिष में शनि को सबसे अधिक क्रूर ग्रह माना जाता है। वैसे तो शनि बिना वजह किसी को भी परेशान नहीं करते हैं। शनि को न्याय का देवता भी कहा जाता हैं और वे लोगों को उनके कर्मों के अनुसार ही फल देते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि आने वाले तीन सालों में किन राशियों को शनि की दशा को फेस नहीं करना पड़ेगा।
वर्तमान स्थिति
इस समय शनि मकर राशि में गोचर कर रहे हैं। बता दें कि मिथुन और तुला वालों पर शनि की ढैय्या रहेगी, तो वहीं धनु, मकर और कुंभ वालों पर शनि की साढ़े साती चल रही है। इस साल शनि की दृष्टि 5 राशियों पर है। मकर राशि में शनि वक्री चाल चल रहे हैं और 11 अक्टूबर तक शनि इसी अवस्था में रहने वाले है।
इन राशियों को मिलेगी छूट
2022 से लेकर 2024 तक 4 राशियां शनि की दशा से दूर रहेंगी। इन राशियाें के नाम मेष, वृषभ, सिंह और कन्या हैं।
इन राशियों पर रहेगा प्रभाव
बता दें कि साल 2022 में 29 अप्रैल को शनि कुंभ राशि में गोचर करेंगें। जिसके कारण कर्क और वृश्चिक जातकों पर शनि की ढैय्या आरंभ हो जाएगी। तो वहीं मिथुन और तुला राशि के जातक इससे फ्री हो जाएंगे. तो वहीं मीन राशि वालों के लिए शनि की साढ़े साती का पहला चरण शुरु हो जाएगा। शनि की साढ़े साती का मकर राशि पर अंतिम चरण है, तो कुंभ वालों पर इसका दूसरा चरण आरंभ होने वाला है। धनु राशि वालों को इससे मुक्ति मिलेगी।
इसी वर्ष 12 जुलाई को शनि मकर राशि में गोचर किए हैं, जिसके बाद फिर से मिथुन, तुला और धनु जातक फिर से शनि की दशा में आ गये हैं। अब ये स्थिति 17 जनवरी 2023 तक रहेगी। 2022 में देखा जाए तो मिथुन, कर्क, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मीन जातकों शनि का असर रहेगा।
साल 2023 की बात करें तो इस साल में कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या रहने वाली है, तो वहीं मकर, कुंभ और मीन वालों पर शनि साढ़े साती का प्रभाव दिखेगा। अगर साल 2024 की बात करें तो इस वर्ष भी कर्क, वृश्चिक, मकर, कुंभ और मीन जातकों पर शनि का प्रभाव दिखेगा।