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इन अत्याधुनिक सुविधाओं से है सुसज्जित पांच करोड़ की समाजवादी ‘BUS’

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने हाईटेक बना दिया है। अखिलेश यादव की समाजवादी विजय यात्रा को सपा मंगलवार को कानपुर से शुरू हुई। समाजवादी विजय यात्रा का नाम दिया है। खजांची नाम के बच्चे ने सपा का झंडा दिखा कर कानपुर से ‘समाजवादी विजय यात्रा’ को रवाना किया। सपा सुप्रीमों का यह ‘रथ‘ कोई मामूली रथ नहीं बल्कि एक अत्याधुनिक सुविधाओं सुसज्जित है, जिस पर अखिलेश यादव, मुलायम सिंह और आजम खान की तस्वीर छपी है।

 

5 करोड़ की लक्जरी बस में हैं ये सुविधाएं

सपा के इस रथ की लागत 5 करोड़ रुपये है। यह मर्सिडीज बस अत्याधुनिक उपकरणों और सुविधाओं से लैस है। इसमें बुलेट प्रूफ ग्लासेस लगे हैं। यह बस पूरी तरह से सुरक्षित है। इसे दो सेक्शन में बांटा गया है। एक सेक्शन में पार्टी अध्यक्ष का छोटा सा कार्यालय बना है, जहां अखिलेश यादव 5-6 व्यक्तियों के साथ मीटिंग कर सकते हैं। बस में एक किचन, रेस्ट एरिया और एक आलीशान वॉशरूम है। इस बस में एक लिफ्ट भी है, जिसके माध्यम से बस की छत पर जाकर जनता को सम्बोधित कर सकते हैं। इस रथ में करीब 6-8 सीटें हैं। इस आलीशान बस में इंटरनेट सुविधा भी है जो अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कनेक्ट करने में मदद करेगा। रथ से वीडियो कॉल भी कर सकते हैं। इसके अलावा इसमें एलईडी स्क्रीन भी लगी है, जिसपर सरकार की उपलब्धियां फोटो और वीडियो के माध्यम से दिखाई जाती हैं।

भाजपा ने कसा तंज

अखिलेश यादव की हाईटेक विजय यात्रा पर भारतीय जनता पार्टी ने तंज किया है। खुद को समाजवादी बताने वाले फाइव स्टार होटल वाली सुख सुविधाओं से सुसज्जित बस से यूपी भ्रमण पर निकल रहे हैं। इस पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चुनौती देते हुए कहा है कि मैं मुख्यमंत्री को चुनौती देता हूं कि वह यूपी विधानसभा चुनाव अभियान के दौरान पैदल चलें, मैं साइकिल पर चलना शुरू कर दूंगा।

कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने भी साधा निशाना

यूपी सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने भी सपा के विजय रथ पर तंज कसते हुए कहा कि कोरोना संकट और बाढ़ की विभीषिका के दौरान ड्राइंग रूम तक सीमित रहे अखिलेश यादव चुनाव निकट आते ही अब फाइव स्टार रथ से गरीब जनता से मिलने जा रहे हैं। जनता भी उनको एक बार फिर पैदल करने के इंतजार में बैठी है। विजय रथ के दौरान अखिलेश यादव को ट्विटर की ऑनलाइन राजनीति से जमीनी हकीकत का भान हो जाएगा।