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इजराइल देने जा रहा फाइजर की कोविड-19 वैक्सीन का बूस्टर डोज

कमजोर इम्यून सिस्टम वालों को कोरोना का ज्यादा खतरा होता है. इजराइल फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन का बूस्टर डोज कमजोर इम्यून सिस्टम वाले व्यस्कों को देना शुरू करेगा. हालांकि, उसका ये भी कहना है कि आम जनता को कोविड-19 वैक्सीन के बूस्टर डोज दिए जाने पर विचार नहीं हुआ है. डेल्टा वेरिएन्ट के तेज फैलाव ने इजराइल में टीकाकरण दर को पीछे कर दिया है क्योंकि पिछले महीने से संक्रमण के नए मामले एक दिन में करीब 450 पहुंच गए हैं.

बूस्टर डोज देनेवाला दुनिया में पहला देश बना इजराइल

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि खराब इम्यून सिस्टम वाले व्यस्क जो फाइजर वैक्सीन के दोनों डोज लगवा चुके हैं, उनको एक बूस्टर डोज मिलेगा, लेकिन व्यापक वितरण पर फैसला निलंबित है. दिसंबर में शुरू हुए इजराइल के तेज टीकाकरण में फाइजर और सहयोगी बायोएनटेक मुख्य आपूर्तिकर्ता हैं. गुरुवार को उन्होंने अमेरिका और यूरोपीय नियामकों से कुछ सप्ताह के अंदर बूस्टर डोज की अनुमति मांगने की बात कही. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “हम इस मुद्दे का परीक्षण कर रहे हैं और हमारे पास इजराइल में आम लोगों के लिए एक बूस्टर के बारे में अभी अंतिम जवाब नहीं है. ऐसी सूरत में हम अब तक कमजोर इम्यून सिस्टम से पीड़ित लोगों को तीसरा डोज लगाने जा रहे हैं. मिसाल के तौर पर ये वो लोग हैं जिनका अंग प्रत्यारोपण हुआ है या इम्यूनिटी में गिरावट का कारण बननेवाली मेडिकल स्थिति से पीड़ित हैं.”

कमजोर इम्यून सिस्टम वालों को मिलेगा बूस्टर डोज

तीसरे डोज के लिए तुरंत योग्य लोगों में दिल, लंग और किडनी ट्रांस्पलांट और कुछ कैंसर के मरीज शामिल हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान में कहा गया, “ढेर सबूत है कि कमजोर इम्यून सिस्टम वाले मरीजों में वैक्सीन के दोनों डोज के बाद पर्याप्त एंटीबॉडी विकसित नहीं होती.” इजराइल अपनी आबादी के 85 फीसद लोगों को कोविड-19 वैक्सीन की पूरी खुराक लगा चुका है और महामारी से जुड़ी सभी पाबंदियों को हटा लिया है. लेकिन भारत में पहली बार सामने आए डेल्टा वेरिएन्ट की वजह से ट्रांसमिशन में बढ़ोतरी हुई है. विशेषज्ञों ने कहा है कि डेल्टा वेरिएन्ट के खिलाफ हल्की बीमारी की रोकथाम में वैक्सीन के कम असरदार होने के स्पष्ट संकेत हैं.