रोजगार पैदा करने, प्रदूषण कम करने और निजी वाहनों पर निर्भरता कम करने के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने बुधवार को बेंगलुरु में कर्नाटक इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी योजना-2021 लॉन्च की. नीति ऐसे समय में लॉन्च की गई है जब शहर में बाइक टैक्सी शुरू करने के लिए लाइसेंस देने का विरोध भी हो चुका है. सीएम येदियुरप्पा ने कहा कि नई नीति से स्वरोजगार, पर्यावरण के अनुकूल वातावरण, ईंधन संरक्षण और सार्वजनिक परिवहन को मजबूती मिलेगी. सीएम ने कहा कि मुख्य उद्देश्य जनता के लिए यात्रा के समय को कम करना है.
मुख्यमंत्री के हवाले से मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से कहा गया है कि इस योजना में व्यक्तियों, पार्टनरशिप कंपनियों और अन्य कंपनियों को हिस्सा लेने का मौका मिलेगा. इस योजना के तहत रजिस्टर किए गए टू व्हीलर ट्रांसपोर्ट कैटिगरी में शामिल किए जाएंगे, जिसके लिए सरकार ने कई छूट दी हैं. इसमें परमिट टैक्स में छूट भी शामिल है. देश की टेक और स्टार्टअप राजधानी होने के बावजदू एप आधारित कैब एग्रीगेटर की बाइक टैक्सी में पुराने कानून रोड़ा बन रहे थे.
नए कदम का सालों से इंतजार
2016 में ओला और उबर जैसे कैब-एग्रीगेटर्स के बाइक टैक्सी लॉन्च के तुरंत बाद परिवहन विभाग ने उनपर नकेल कसी और उनकी गाड़ियों को जब्त कर लिया, क्योंकि उस वक्त पुराने कानूनों में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं था. बाइक टैक्सी प्रोवाइडर्स का कहना है कि नई नीति से 2019 में विश्व स्तर पर चुने गए सबसे खराब यातायात वाल शहर के इकोसिस्टम में सुधार आएगा. रैपिडो के को-फाउंडर अरविंदर ने कहा कि हम कमर्शियल बाइक टैक्सी को कर्नाटक सरकार की मंजूरी के फैसले की सराहना करते हैं. यह सही दिशा में उठाया गया कदम है, जिसका सालों से इंतजार हो रहा था.
कोरोना का बुरा प्रभाव
कोरोना का बेंगलुरु के सार्वजनिक परिवहन पर बुरा प्रभाव पड़ा है. बेंगलुरु मेट्रोजो कि 800 वर्ग किलोमीटर की बड़ी और महंगी परियोजना है, महज 44 किलोमीटर की कनेक्टिविटी के साथ काम कर रही है. बाउंस के सह-संस्थापक और सीईओ विवेकानंद हालेकेरे ने कहा हमें नई पॉलिसी पसंद है, इससे इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को मदद मिलेगी.