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आर्यन खान को लेकर काफी चिंतित हैं पापा शाहरुख खान, जेल की कड़वी यादों को भुलाने के लिए करेंगे ऐसा…

बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान जेल से छूट गए हैं और मौजूदा समय में मन्नत में हैं. आर्यन की फैमिली उन्हें लेकर काफी चिंतित है. खासकर आर्यन खान की मेंटल हेल्थ को लेकर. गौरी खान ये इनश्योर करना चाहती हैं कि जेल के बुरे एक्सपीरियंस का गलत असर आर्यन के दिमाग में ना पड़ जाए. इसलिए उन्होंने आर्यन के लिए लाइफ कोच रखने का फैसला किया है. आर्यन खान को इंटरनेशनल मेंटल हेल्थ एक्स्पर्ट्स से काउंसलिंग मिलेगी ताकि वे जेल की कड़वी यादों को भुला सकें और अपने जीवन में पॉजिटीविटी को मेंटेन रखें.

शाहरुख खान के फैमिली फ्रेंड्स ने इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में बताया कि- आर्यन हमेशा से एक शर्मिले बच्चे रहे हैं. बचपन से ही आर्यन ने लाइमलाइट से दूरी बनाई है और उन्हें कैमरा फेस करना भी ज्यादा अच्छा नहीं लगता है. यहां तक की ईद और दीवाली जैसे त्योहारों में भी आर्यन को फैमिली फोटोज खिंचाने के लिए काफी फोर्स करना पड़ता है. मन्नत में भी आर्यन का इंटरैक्शन ज्यादा लोगों के साथ नहीं है. वे सिर्फ फैमिली मेंबर्स के अलावा हेल्प स्टाफ के सिर्फ उन लोगों से ही इंटरैक्ट करते हैं जिन्हें वे बचपन से जानते हैं. ड्रग्स मामले में उन्हें सपोर्ट किया गया मगर उनके बारे में अपशब्द भी कहे गए. ऐसे में जरूर ही इस जेल के बुरे अनुभव का उनपर नकारात्मक असर पड़ सकता है.

लाइफ कोच के बारे में ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि शाहरुख खान दुनियाभर के नामी इंटरनेशनल मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट्स से बात कर रहे हैं और वे अच्छे से छानबीन कर रहे हैं. शाहरुख चाहते हैं कि मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट्स ऐसा हो जो यूथ को हैंडल कर सकता हो. ज्यादा चांसेज ऐसे हैं कि कोच फॉरेन से ही बुलाया जाएगा. इस दौरान आर्यन की प्राइवेसी का खासतौर पर ध्यान रखा जाएगा. जब तक आर्यन विदेश नहीं जा रहे हैं उनकी काउंसलिंग ऑनलाइन वीडियो कॉल के जरिए ही होगी.

आर्यन खान के फ्यूचर की ओर रुख करें तो अभी वे इस मुश्किल वक्त से बाहर निकले हैं और इसमें उन्हें अभी कुछ वक्त और लग सकता है. मगर जैसे-जैसे चीजें सरल होंगी आर्यन फिर से फिल्ममेकिंग की बारीकियां सीखने यूएस जा सकते हैं. आर्यन को फिल्म मेकिंग का शौक है और वे इस फील्ड में अपना करियर भी बनाना चाहते हैं. बता दें कि आर्यन ने ड्रग्स मामले में करीब 25 दिन जेल में बिताए. उन्हें 28 अक्टूबर को बेल मिली और वे 30 अक्टूबर को रिहा हुए.