मुंबई की अदालत ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख को 6 नवंबर तक ईडी की हिरासत में भेजा है।
कैसे शुरू हुआ पूरा विवाद?
इस साल 25 फरवरी को उद्योगपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के घर एंटीलिया (Antillia Case) के घर के बाहर विस्फोटकों से भरी एक गाड़ी खड़ी मिली थी. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जब इस मामले की जांच शुरू की तो इसमें मुंबई पुलिस के सचिन वाजे (Sachin Vaze) के शामिल होने की बात सामने आई.
इसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने उस समय के मुंबई पुलिस के कमिश्नर परमबीर सिंह (Param Bir Singh) का ट्रांसफर कर दिया गया और उन्हें होमगार्ड का डीजी बना दिया गया. इसके बाद परमबीर सिंह की एक चिट्ठी सामने आई जो उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को लिखी थी. इस चिट्ठी में परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख ने सचिन वाजे को हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने का आदेश दिया था. ये वसूली बार और रेस्टोरेंट के मालिकों से वसूली जाती थी. परमबीर सिंह के आरोपों के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी. बाद में अनिल देशमुख ने गृहमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया.