यूपी के लखीमपुर खीरी में गाड़ी (Lakhimpur Kheri violence) चढ़ाकर 3 किसानों की हत्या करने के केस में आरोपी आशीष मिश्रा (Ashish Mishra Arrested) को कस्टडी में लेने के लिए SIT टीम जिला कारागार लखीमपुर-खीरी पहुंच चुकी है. केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी का बेटा आशीष उर्फ़ मोनू आज से 72 घंटे तक पुलिस रिमांड पर रहेगा जहां उससे पूछताछ की जाएगी. इस दौरान SIT इस मामले से जुड़े अहम सवालों के जवाबों की तलाश करेगी. सबसे बड़ा सवाल है कि वारदात के वक़्त आशीष मिश्रा कहां था? सोमवार को एक अन्य वीडियो सामने आई है जिसमें आशीष उस जीप में बैठता हुआ नजर आ रहा है जिससे किसानों को कुचला गया था.
मिली जानकारी के मुताबिक आशीष के बयानों में काफी विरोधाभास था जिसके चलते बयानों की पुष्टि के लिए पुलिस रिमांड में भेजा गया है. रिमांड के दौरान पुलिस टीम आशीष को क्राइम सीन पर भी लेकर जा सकती है. इस दौरान एविडेंस एक्ट की धारा 27 के तहत रिकवरी कराई जा सकती है. इस दौरान एसआईटी का जोर सीक्वेंस ऑफ़ क्राइम का पता लगाने पर भी रहेगा. इस दौरान क्राइम सीन का फिर से रीक्रियेशन भी किया जा सकता है. उधर पुलिस सूत्रों के मुताबिक लखीमपुर-खीरी हिंसा मामले में पुलिस ने अंकित दास के सहायक शेखर को भी गिरफ्तार कर लिए है, उसे पुलिस ने क्रीम सीन से हिरासत में लिया था.
आशीष मिश्रा को कोर्ट ने सशर्त रिमांड पर भेजा है
रिमांड के दौरान आशीष से पुलिस लाइन में पूछताछ की जाएगी. मिल रही जानकारी के मुताबिक आशीष से क्राइम ब्रांच के दफ्तर में पूछताछ की जाएगी. पुलिस लाइन में फ़िलहाल मीडिया की एंट्री पर भी रोक लगा दी गई है. आशीष से पूछताछ के दौरान उनकी 5 वकीलों की टीम भी उचित दूरी बनाकर मौजूद रहेगी. पूछताछ से पहले आशीष का मेडिकल भी कराया जा सकता है. रिमांड के दौरान आशीष को प्रताड़ित नहीं किया जाएगा और वकीलों की टीम मौजूद रहेगी.
काफी मशक्कत के बाद पेश हुए थे आशीष
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी और सक्रियता के बाद तिकुनिया कांड का आरोपी आशीष मिश्र मोनू को दूसरे नोटिस के बाद क्राइम ब्रांच के ऑफिस में पेश होना ही पड़ा था. बीते शनिवार को उन्होंने जांच टीम को अपनी बेगुनाही के सुबूत दिए, जो काम नहीं आए. आशीष घटना से जुड़े कई वीडियो अलग-अलग पेन ड्राइव में रखकर ले गए. साथी ही खुद को निर्दोष बताने वाले शपथ पत्र भी लेकर गए थे. इस दौरान शहर के चर्चित अधिवक्ता अवधेश सिंह को अपने साथ ले गए थे. पुलिस की पूछताछ में सबसे अहम बिंदु यह रहा कि घटना के वक्त आशीष कहां था. आशीष की ओर से कई वीडियो साक्ष्य दिए गए, लेकिन वह किसी में भी घटना के समय पर कहीं और होने का साक्ष्य नहीं दे पाया.
लगभग 12 घंटे की पूछताछ में भी यह सवाल अनसुलझा ही रहा कि घटना के समय आशीष कहां था। इसके बाद भी पुलिस अधिकारियों ने जांच में सहयोग न करने और सवालों के सही जवाब न देने को आधार मानते हुए आशीष को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में मौके से मिस कारतूस के बारे में भी कई सवाल पूछे गए. इस दौरान आशीष मिश्र मोनू ने घटना के दिन अपने बनवीरपुर होने की दलील दी. सूत्रों के मुताबिक जब जांच टीम ने पूछा कि घटना के दिन वह 2:36 से 3:30 के बीच कहां थे, तो वह इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सका.