भारत ने सुरक्षा परिषद में व्यापक सहयोग की जरूरत को रेखांकित करते हुए कहा है कि अस्थायी सदस्य के तौर पर भारत अपने कार्यकाल में मानवाधिकारों और विकास जैसे बुनियादी मूल्यों को बढ़ावा देगा। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत का जोर बहुपक्षवाद पर भी रहेगा। बता दें कि भारत एक जनवरी से अस्थायी सदस्य के तौर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में शामिल होगा। यूएनएससी में पांच स्थायी सदस्य और 10 अस्थायी सदस्य होते हैं। भारत को अस्थायी सदस्य के तौर पर यूएनएससी में आठवीं बार सीट मिली है।
तिरुमूर्ति ने कहा, सबसे बड़े लोकतंत्र के नाते हम लोकतंत्र, मानवाधिकार और विकास जैसे बुनियादी मूल्यों को बढ़ावा देंगे। उन्होंने कहा, भारत का संदेश होगा कि हम एकीकृत ढांचे में विविधता को किस तरह बढ़ावा दे सकते हैं जो कि संयुक्त राष्ट्र में कई तरीके से प्रतिबिंबित होता है। तिरुमूर्ति ने कहा, भारत निश्चित रूप से परिषद में वृहद सहयोग की जरूरत को रेखांकित करेगा। उन्होंने कहा कि यह ऐसा स्थान नहीं होना चाहिए जहां निर्णय लेने की प्रक्रिया में किसी प्रकार के गतिरोध के कारण अत्यावश्यक जरूरतों पर उचित तरीके से ध्यान नहीं किया जा सके।
भारत के अलावा नार्वे, केन्या, आयरलैंड और मेक्सिको वर्ष 2021 में अस्थायी सदस्य के तौर पर शामिल होंगे। इनके अलावा एस्टोनिया, नाइजर, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस, ट्यूनीशिया और वियतनाम यूएनएससी के अस्थायी सदस्य हैं। चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका स्थायी सदस्य हैं। भारत अगस्त 2021 में यूएनएससी की अध्यक्षता करेगा और फिर 2022 में एक महीने के लिए परिषद की अध्यक्षता करेगा।