अमरनाथ यात्रा की आधिकारिक तारीखें अभी घोषित नहीं हुई हैं लेकिन केंद्र शासित प्रदेश की पहली अमरनाथ यात्रा के हवाई होने की चर्चाएं गर्म हो गई हैं। यह पक्का हो गया है कि श्रीनगर से बालटाल आधार शिविर तक सीधे हेलिकाप्टर सेवा मिलने जा रही है।
इसके साथ ही चर्चा यह है कि जम्मू से भी ऐसी सेवाएं आरंभ करने पर जोर इसलिए दिया जा रहा है क्योंकि जम्मू-श्रीनगर हाईवे की हालत बहुत ज्यादा खस्ता हो चुकी है।
अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार, इस बार श्रद्धालुओं को श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से आधार शिविर बालटाल तक हवाई सेवा मिलने जा रही है। यात्रा तैयारियों के बीच श्रीनगर से बालटाल के लिए हेलिकाप्टर सेवा शुरू करने का सुझाव रखा गया है।
जरूरतमंद यात्रियों के लिए यह बड़ी सुविधा होगी। अभी तक बालटाल (नीलग्रथ) से पंजतरणी और पहलगाम से पंजतरणी के लिए ही हेलिकाप्टर सेवा दी जाती है।
जम्मू और कश्मीर के दोनों संभागों के मंडलायुक्तों ने यात्रा तैयारियों को लेकर बैठक कर इसके प्रति निर्देश जारी किए हैं। कश्मीर मंडल प्रशासन की ओर से श्रीनगर एयरपोर्ट से बालटाल तक हेलिकाप्टर सेवा शुरू करने की तैयारी साझा की गई। मंडलायुक्त कश्मीर पांडुरंग के पोल ने कहा कि श्रीनगर से बालटाल तक सेवा शुरू होने से श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी।
याद रहे बालटाल से पवित्र गुफा तक की सड़क से दूरी 9.4 और पहलगाम से गुफा तक 28.2 किमी. दूरी है। यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु बालटाल से हेलिकाप्टर सेवा से एक ही दिन में दर्शन करके लौट भी जाते हैं।
पहले हेलीकाप्टर को पवित्र गुफा से कुछ ही दूरी पर उतारा जाता था, लेकिन न्यायालय के आदेश के बाद पवित्र गुफा में शिवलिंग को लंबे समय तक रखने के उद्देश्य से अब पंजतरणी में हेलिकाप्टर को उतारा जाता है, यह पवित्र गुफा से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
इस बीच जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर संजीव वर्मा ने निर्देश दिए कि इस वर्ष की बाबा अमरनाथ यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को ठहराने के जगहों की पहचान की जाए। साथ ही साफ सफाई का अभियान चलाया जाए।
जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर ने बाबा अमरनाथ यात्रा की तैयारियों पर विचार विमर्श किया।
बैठक में अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जम्मू के एसएसपी सुरक्षा, एसएसपी ट्रैफिक के अलावा विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों, डिप्टी कमिश्नरों ने भाग लिया। बैठक में श्रद्धालुओं को ठहराने, लंगर, सुरक्षा, प्रचार सहित अन्य प्रबंधों पर चर्चा की गई।
वर्मा ने कठुआ के डिप्टी कमिश्नर को निर्देश दिए कि जम्मू कश्मीर के प्रवेश द्वार लखनपुर में स्वागत केंद्र, मेडिकल सेंटर, कंट्रोल रूम स्थापित किया जाए। यात्रियों को ठहराने के लिए जगहों की पहचान की जाए और साथ में लंगर लगाने के लिए भी जगहों का चयन किया जाए।
उन्होंने रामबन के डिप्टी कमिश्नर से कहा कि जिला में त्वरित कार्रवाई करने वाली टीमों का गठन किया जाए। अगर यात्रियों को परेशानी पेश आती है तो टीमें श्रद्धालुओं की मदद के लिए जल्द पहुंच सकें।
साथ ही उन्होंने कहा कि यात्रियों को ठहराने के लिए जगहों की पहचान होनी चाहिए क्योंकि अगर भूस्खलन के कारण जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होता है तो श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना न करना पड़े। उन्होंने पर्यटन विभाग से कहा कि जम्मू में यात्री निवास की मरम्मत के लिए टेंडर निकाले जाएं।