Breaking News

अफगानिस्तान: काबुल में जबरदस्त कार धमाका, 9 लोग जख्मी, सुरक्षा बल के जवान भी थे शामिल

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में मंगलवार रात एक जबरदस्त कार धमाका हुआ. इस धमाके में नौ लोग बुरी तरह जख्मी हो गए, जिसमें सुरक्षा बल के जवान भी शामिल हैं. सूत्रों ने बताया कि इस हमले के जरिए अफगान इंटेलिजेंस एजेंसी के काफिले को निशाना बनाया गया था. अमेरिका के अफगानिस्तान से बाहर जाने के फैसले के बाद से ही देश में धमाकों की संख्या में इजाफा हुआ है.

सूत्रों ने बताया है कि स्थानीय समय के मुताबिक रात 9.45 बजे काबुल के डिस्ट्रिक्ट 15 में शहीद गोल चक्कर के पास से इंटेलिजेंस एजेंसी का काफिला गुजर रहा था, तभी एक जबरदस्त कार धमाका हुआ. काबुल पुलिस ने धमाके की पुष्टी कर दी है, लेकिन इस संबंध ज्यादा जानकारी मुहैया नहीं कराई है. शहर के निवासियों ने सोशल मीडिया पर बताया कि धमाका बेहद ही जबरदस्त था और ये शहर के अलग-अलग हिस्सों में महसूस किया गया. घटनास्थल की तस्वीरों में देखा जा सकता है कि आस-पास की दुकानें और घर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं. अभी तक किसी भी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है.

अफगानिस्तान से लौटेंगे अमेरिकी सैनिक

गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ऐलान किया है कि एक मई से अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिक वापस लौटने लगेंगे. बाइडेन ने कहा है कि 11 सितंबर को 9/11 की 20वीं बरसी के मौके पर सभी अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान छोड़कर स्वदेश आ जाएंगे. अफगानिस्तान में फिलहाल 2,500 अमेरिकी सैनिक हैं, जो अफगानी सुरक्षा बलों के साथ देश की सुरक्षा में जुटे हुए हैं. अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान के भीतर तालिबान से निपटने का काम भी करते हैं. अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिक पहली बार 2001 में अलकायदा को खत्म करने के लिए तैनात किए गए थे.

अमेरिकी सैनिकों की वापसी से मंडरा रहा गृह युद्ध का खतरा

दूसरी ओर, अमेरिकी सैनिकों की वापसी से अफगानिस्तान में गृह युद्ध की आशंका बढ़ने लगी है. देश के कई नेताओं ने इस पर चिंता व्यक्त की है. अफगानिस्तान की संसद के स्पीकर मीर रहमान रहमानी और निचले सदन के कुछ अन्य सदस्यों ने कहा कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए अफगानिस्तान से विदेशी सैनिकों की वापसी गृह युद्ध का खतरा पैदा करती है. रहमानी ने कहा कि विदेशी सैनिकों का देश से बाहर जाना अफगानी लोगों की हमेशा से एक इच्छा रही है. लेकिन वर्तमान समय में मौजूदा हालात ऐसा करने की इजाजत नहीं देते हैं.