अस्पतालों में बेड की कमी, आक्सीजन की किल्लत और रेमडिसिविर की कालाबाजारी ने जीवन को संकट में ला दिया। स्वास्थ्य संकट से जहां कोरोना के मरीज एक दिन में तीन लाख के पार हो गये हैं वहीं मरने वालों की संख्या 2000 प्रतिदिन पहुंच चुकी है। बुधवार महाराष्ट्र के नासिक में एक बड़ा हादसा हो गया। जाकिर हुसैन अस्पताल में ऑक्सीजन टैंक लीक कर गया, जिसके बाद 22 मरीजों की तत्काल मौत हो गयी। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि लीकेज की वजह से ऑक्सीजन की आपर्ति आधे घंटे तक ठप रही। आपूर्ति बाधित होने से वेंटिलेटर पर मौजूद 10 मरीजों की मौत हो गई है। हादसे के समय अस्पताल में वेंटिलेटर पर 23 मरीज थे। अब प्रशासन लीकेज की जांच कराने जा रहा है। घटना के समय अस्पताल में 171 मरीज थे। ऑक्सीजन लीक होने की घटना के बाद अस्पताल में भर्ती मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया गया था। हालात को लेकर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे का कहना है कि लीकेज को नियंत्रित कर लिया गया है।
ज्ञात हो कि देश में इस समय मेडिकल ऑक्सीजन की भारी किल्लत चल रही है। अचानक कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी होने की वजह से अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी है। भारत सरकार की ओर से राज्य सरकारों को भरोसा दिया गया है कि हर किसी को जल्द से जल्द ऑक्सीजन मुहैया कराई जाएगी। महाराष्ट्र से बीते दिन ही विशाखापट्टनम के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस रवाना की गई थी। भारतीय रेलवे द्वारा ये स्पेशल ट्रेन चलाई गई है जो विशाखापट्टनम से ऑक्सीजन लाने का काम करेगी।
ऑक्सीजन की किल्लत सिर्फ महाराष्ट्र ही नहीं जूझ रहा है बल्कि दिल्ली, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात समेत कई राज्यों में जिन्दगी बचाना मुश्किल हो गया है। दिल्ली के कुछ अस्पतालों में तो चंद घंटों का ऑक्सीजन बाकी है। उत्तर प्रदेश के अधिकांष अस्पतालों में आक्सीजन की कमी के कारण मरीज नहीं भर्ती किये जा रहे हैं।