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अपनी घटिया हरकतों से नहीं बाज आ रहा चीन, अब हिमाचल से सटे तिब्बत सीमा के पास किया सड़क निर्माण!

चीन (China) के शातिराना दिमाग में कब कौन सा खुरापात चलता है, ये कहना मुश्किल है. लेकिन अपनी हरकतों से दूसरे देशों को आंख दिखाने वाला चीन इन दिनों भारत से सटे इलाकों पर अपनी घटिया नजरें गड़ाए हुए है. गलवान घाटी के पास दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद से ही गतिरोध जारी है. लेकिन इसके बावजूद चीन अपनी चालाकियों से बाज नहीं आ रहा है. गलवान घाटी के बाद अब चीन हिमाचल के किन्नौर जिले की सीमा से सटे अपने कब्जे वाले तिब्बत (Tibet) में सड़क निर्माण कर लिया है. बताया जा रहा है कि इस इलाके में 20 किमी तक की लंबी सड़क ड्रैगन तैयार करवा चुका है.

ताजा खबरों के मुताबिक चीन ने सीमा से सटे किन्नौर जिला के मोरंग घाटी इलाके के कुनु चांग से आगे वाले खेम कुल्ला के पास ही सड़क निर्माण से जुड़े काम को युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया है. इसके साथ ही 2 किलोमीटर के नो मेन्स लैंड क्षेत्र में भी चीन की ओर से सड़क निर्माण करवाने की संभावना जताई जा रही है. इस मामले का खुलासा उस दौरान हुआ जब चारंग गांव का 9 सदस्य दल 16 घोड़े, 5 पोर्टर और अर्धसैनिक बल के कुछ जवान के साथ गांव तकरीबन 22 किलो मीटर ऊपर बार्डर की तरफ गए थे. यहां पर पहुंचने के बाद जब दल की नजर तिब्बत इलाके की तरफ पड़ी तो वे दंग रह गए. बताया जा रहा है कि सिर्फ 2 महीने के अंदर ही चीन ने बड़ी ही तेजी दिखाते हुए करीब 20 किलोमीटर सड़क का निर्माण भारत-तिब्बत सीमा की तरफ किया है.

इस बारे में जानकारी देते हुए दल ने कहा कि गत वर्ष अक्टूबर महीने में तिब्बत में भारत की तरफ से केवल अंतिम गांव तांगों तक ही ये सड़क थी. हालांकि अब हैरान करने वाली बात तो ये है कि जब बर्फ हटी तो सिर्फ 2 महीने के कम समय में तिब्बत के तांगों गांव से भारत की सीमा के पास तकरीबन 20 किलोमीटर तक की लंबी सड़क का निर्माण करवाया जा चुका था. इतना ही नहीं अभी सांगला घाटी के छितकुल के पीछे भी तिब्बत के यमरंग ला की तरफ से सड़क निर्माण का काम शुरू किया जा चुका है. बताया जा रहा है कि किन्नौर के कुन्नू चारंग गांव के पास से रंगरिक टुम्मा तक सीमा पार को लेकर कई बार अंधेरे के बाद ड्रोन जैसी कई चीजें यूएफओ के आने की शिकायत की खबर सामने आई है. जानकारी की माने तो हाल ही में बौद्ध भिक्षुओं की ओर से रंगरिक टुम्मा में 8 जून के करीब 20 ड्रोन को देखा गया था. ऐसे में यहां के स्थानीय लोगों का ये कहना है कि अचानक से एक साथ इतनी भारी संख्या में ड्रोन का आना कोई आम बात नहीं है.

फिलहाल दल की ओर से ये बताया जा रहा है कि उनके 6 दिन तक रेकी करने के बाद ये पता चला है कि जब रात होती है, तो सड़क निर्माण का काम जोरो-शोरो के साथ चीन की तरफ से शुरू कर दिया जाता है. इससे पहले भारतीय सीमा की निगरानी करने के लिए ड्रोन भेजे जाते हैं और फिर भारी विस्फोट की कई आवाजें आती है. जिससे अब ये कयास लगाए जा रहे हैं कि सड़क निर्माण के लिए विस्फोट भी किए जा रहे हैं. फिलहाल अभी ये कहा जा रहा है कि भारत की तरफ की जा रही ये सड़क निर्माण सही नहीं है.