अगस्त 2019 में मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया था। इसके लिए बाकायदा संसद के दोनों सदनों में बिल भी पारित करवा लिया गया। हालांकि इस फैसले से जम्मू-कश्मीर के कई राजनीतिक दल खुश नहीं हैं और वो लगातार विशेष दर्जा फिर से बहाल करने की मांग कर रहे हैं। इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का एक कथित ऑडियो वायरल हो रहा है। जिसमें वो कांग्रेस के सत्ता में आने पर फिर से अनुच्छेद 370 बहाल करने की बात कह रहे हैं। जिसके बाद बीजेपी उन पर पाकिस्तान की भाषा बोलने का आरोप लगा रही, जबकि घाटी के राजनीतिक दल इस बयान की तारीफ कर रहे हैं।
मामले में नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मैं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का आभारी हूं, क्योंकि उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों की भावनाओं को समझा। मैं उनके इस विचार का पूरी तरह से स्वागत करता हूं। साथ ही उम्मीद जताता हूं कि कांग्रेस जल्द ही फिर से सत्ता में वापस लौटे और जम्मू-कश्मीर को उसका विशेष दर्जा वापस मिल सके। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने चुनावी वादा किया था कि वो अनुच्छेद 370 हटाएगी, उसने ये किया भी, लेकिन जम्मू-कश्मीर के लोगों की मर्जी के खिलाफ। ऐसे में ये एकदम सही नहीं है।
ये है दिग्विजय का पूरा बयान
बीजेपी आईटी सेल हेड अमित मालवीय ने कथित रूप से दिग्विजय सिंह का एक ऑडियो जारी किया। जिसमें वो पाकिस्तान के पत्रकार से क्लब हाउस चैट के दौरान कह रहे हैं कि कश्मीर में लोकतंत्र नहीं था, जब उन्होंने अनुच्छेद 370 को रद्द किया तो ‘इंसानियत’ नहीं थी, क्योंकि उन्होंने (केंद्र) सभी को सलाखों के पीछे डाल दिया। इस बीच ‘कश्मीरियत’ कुछ ऐसा है जो धर्मनिरपेक्षता का मूल है, क्योंकि मुस्लिम बहुल राज्य में एक हिंदू राजा था और दोनों एक साथ काम करते थे। अगर कांग्रेस पार्टी सरकार में आती है तो निश्चित रूप से इस मुद्दे पर फिर से विचार किया जाएगा।