इस देश की मिट्टी ने अपने भीतर कई राज़ समेटे हुए है. ऐसी ही एक नायाब धरोहर मिली है आगरा के फतेहपुर सीकरी में पुरातत्व संरक्षण के लिए हो रहे उत्खनन काम में. खुदाई के दौरान हिंदू और पारसी वास्तुकला का बेशकीमती मिश्रण मिला है जो लाल पत्थरों से निर्मित है.
फतेहपुर सीकरी के पास चल रही खुदाई में 16वीं शताब्दी का नेचुरल फाउंटेन मिला है. यह फाउंटेन, रेतीले पत्थर और लाइम स्टोन को मिला कर बनाया गया प्रतीत होता है. वेसे तो इस उत्खनन काम के दौरान कई वस्तुएं मिली हैं लेकिन फाउंटेन ने सभी का ध्यान अपनी ओर खीचा है.
इस पुरातात्विक अवशेष को देख कर प्रतीत होता है जैसे बीत समय में यानी मुगल काल में नक्काशी मीनाकारी का कार्य हर स्मारक में किया गया हो. जिसके साक्ष्य इस फाउंटेन साफ देखे जै सकते हैं. पूरे फाउंटेन के पत्थर पर नक़्क़ाशी की गई है जिसकी चौड़ाई 8.7 मीटर है.
जानकारों का मानना है कि यह फाउंटेन उस समय की गर्मी से राहत के लिए बनाया गया होगा. जाननकारों का मानना है कि यह पहली बार हुआ है जब सीकरी के बड़े किले में फाउंटेन नुमा आकृति मिली है.
खासबात यह है कि यह फाउंटेन अकबर के खास दरबारी टोडरमल की बारादरी के सामने खुदाई में मेला है. इतिहास में दर्ज है टोडरमल, अकबर के नवरत्नों में से एक थे. इसके अतिरिक्त वे अकबर के राजस्व और वित्तमंत्री भी थे.