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सपा ने सत्ताधारी बीजेपी पर लगाया आरोप, नामांकन से पहले प्रस्तावक हुआ गायब

यूपी में शनिवार को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए नामांकन किए गए. नामांकन के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने दोपहर 3 बजे तक की समयसीमा निर्धारित की थी. नामांकन के दिन भी जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर जोर आजमाइश साफ देखने को मिली. सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने जहां 65 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है वहीं विपक्षी दल भी अपनी तरफ से पूरी ताकत झोंक रहे हैं. इस बीच दिल्ली से सटे गाजियाबाद में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता होटल कंट्री इन के बाहर धरने पर बैठे नजर आए. धरना-प्रदर्शन कर रहे सपा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन की शह पर बीजेपी के नेताओं ने उनकी पार्टी के जिला पंचायत सदस्यों को होटल के कमरों में कैद कर रखा है ताकि वे प्रस्तावक के तौर पर जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए होने वाले नामांकन में शामिल न हो पाएं. सपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि इससे बीजेपी के प्रत्याशी का जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर निर्विरोध निर्वाचन तय हो जाएगा. इसीलिए सपा के जिला पंचायत सदस्यों को होटल में कैद करके रखा गया है.


समाजवादी पार्टी के महानगर अध्यक्ष का आरोप है कि पहले जितेंद्र को प्रस्तावक बनाया गया था लेकिन जिला प्रशासन ने उनके ईंट भट्ठे में पानी भरवा दिया जिससे वे दबाव में आ गए. उन्होंने कहा कि इसके बाद पार्टी ने रजनी खटिक को प्रस्तावक बनाया तो उन्हें कंट्री इन होटल में कैद कर रखा गया. होटल के प्रबंधक और सिक्योरिटी ने उन्हें बाहर निकलने देने से साफ इनकार कर दिया है. सपा के महानगर अध्यक्ष ने दावा किया कि कमरे के भीतर से वे लोग लगातार पार्टी नेताओं के संपर्क में हैं लेकिन उन्हें निकलने नहीं दिया जा रहा है. सपा के महानगर अध्यक्ष ने कहा कि दोपहर तीन बजे तक ही जिला मुख्यालय पर नामांकन होने हैं और अगर प्रस्तावक नहीं पहुंचते हैं तो फिर हमारी पार्टी की प्रत्याशी का नामांकन दाखिल नहीं हो पाएगा. अगर ऐसा हुआ तो बीजेपी उम्मीदवार का निर्विरोध निर्वाचन तय हो जाएगा।