महाराष्ट्र की सियासत में बहुत कुछ ऐसा घटित हो रहा है, जिससे अंदाजा लगा पाना मुश्किल हो रहा है कि सरकार रहेगी या जाएगी. कभी शिवसेना कांग्रेस पर निशाना साधती है, तो कभी कांग्रेस शिवसेना पर. कभी एनसीपी कांग्रेस पर निशाना साधती है, तो कभी कांग्रेस एनसीपी पर. सत्ताधारी दल तो छोड़िए, विपक्ष में बैठी भाजपा भी बीच-बीच में इस तरह से पासा फेंक जाती है, जिससे सरकार पर खतरा नजर आने लगता है.
इस बीच शिवसेना के विधायक प्रताप सरनाइक की एक चिट्टी से महाविकास अघाड़ी में खलबली मच गई है. सरनाइक ने कहा कि शिवसेना को भाजपा से गठबंधन कर लेना चाहिए, पार्टी फायदे में रहेगी.
उद्धव ठाकरे को लिखे गए पत्र में सरनाइक ने कहा है कि बिना किसी गलती से केंद्रीय एजेंसियां हमें निशाना बना रही हैं. ऐसे में आप यदि पीएम मोदी के करीब आते हैं तो मेरे साथ-साथ रवींद्र वायकर और अनिल परब को भी फायदा मिलेगा.
महाराष्ट्र के सीएम को संबोधित चिट्ठी में आगे बताया गया है कि कांग्रेस और एनसीपी हमारी सरकार को कमजोर कर रही हैं. वे चाहते हैं कि सीएम उनका हो. ऐसे में मेरी राय है कि आप पीएम मोदी के करीब आएं तो स्थिति बेहतर होगी. पार्टी के साथ-साथ कार्यकर्ताओं का भी फायदा होगा.
सरनाइक ने कहा कि कांग्रेस तो पहले ही ऐलान कर चुकी है. वह अकेले चुनाव लड़ना चाहती है. एनसीपी पहले से ही शिवसेना को तोड़ने की कोशिश कर रही है. मुझे लगता है कि केंद्रीय एजेंसियां एनसीपी का साथ दे रही हैं.
कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री उद्वव ठाकरे पीएम मोदी से नई दिल्ली में मिले थे. आधिकारिक मुलाकात से हटकर भी उन्होंने व्यक्तिगत मुलाकात की थी.
उनकी इस मुलाकात के बाद जब उनसे पूछा गया, तो उन्होंने इसे बिल्कुल सही ठहराया. ठाकरे ने कहा कि वह नवाज शरीफ से मिलने नहीं गए थे, अपने पीएम से मिलने का उन्हें पूरा हक है.
उनके इस बयान के बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने साफ तौर कहा था कि पीएम मोदी देश के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता हैं. उनकी इस टिप्पणी के बाद ऐसा लगने लगा था कि कहीं शिवसेना और भाजपा फिर से करीब तो नहीं आ रही है.