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विपक्ष दलों में मतभेद हो सकते हैं, मगर RSS-BJP के खिलाफ एकजुटः राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा (bharat jodo yatra) के समापन से एक दिन पहले रविवार को श्रीनगर में प्रेस वार्ता को संबोधित किया। इस दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि विपक्षी दलों में मतभेद (differences between opposition parties) हो सकते हैं, लेकिन वे आरएसएस और भाजपा की विचारधारा (Ideology of RSS and BJP) के खिलाफ एकजुट हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या देश में विपक्षी एकता संकट में है। इस सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा, ‘विपक्षी एकता बातचीत और विजन के बाद आती है। यह कहना कि विपक्ष बंटा हुआ है, सही नहीं है। यह सच है कि विपक्ष में मतभेद हैं, लेकिन विपक्ष एकजुट होकर लड़ेगा, साथ खड़ा रहेगा, क्योंकि यह एक वैचारिक लड़ाई है। एक तरफ बीजेपी-आरएसएस हैं और दूसरी तरफ गैर-आरएसएस-बीजेपी ताकतें हैं।’

श्रीनगर में सोमवार को भारत जोड़ो यात्रा का समापन होना है। यहां शेर ए कश्मीर स्टेडियम में राहुल गांधी जनसभा को संबोधित करेंगे। इसमें शामिल होने के लिए 20 से अधिक विपक्षी दलों को आमंत्रित किया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने टीएमसी, जेडी (यू), शिवसेना, टीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, सीपीआई, सीपीआई (एम), झारखंड मुक्ति मोर्चा, राष्ट्रीय जनता दल सहित दलों के अध्यक्षों को निमंत्रण दिया गया है। इसके साथ ही पीडीपी, एनसी, डीएमके, आरएलडी, आईयूएमएल, आरएसपी और जेडी (एस) भी इसमें शामिल है।

एक अन्य सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने यह भी कहा कि यात्रा देश में दक्षिण से उत्तर की ओर भले ही गई हो, लेकिन इसका प्रभाव पूरे देश में है। भाजपा और आरएसएस इस देश के संस्थागत ढांचे पर हमला कर रहे हैं। चाहे वह संसद हो, विधानसभा हो, न्यायपालिका हो, या मीडिया हो। सभी संस्थानों पर भाजपा द्वारा हमला किया जा रहा है और इन पर कब्जा कर लिया गया है। जो आपने देश के विभिन्न हिस्सों और जम्मू-कश्मीर में देखा है संस्थागत ढांचे पर उस हमले का परिणाम हैं।

उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा लोगों को भाजपा और आरएसएस की नफरत और अहंकार की राजनीति के खिलाफ भाईचारे की एक वैकल्पिक दृष्टि प्रदान करने की परिकल्पना करती है। कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘इस यात्रा ने इस देश के लोगों को एक विकल्प दिया है। एक तरफ दूसरों को कुचलने की दृष्टि है, जबकि हमारी दृष्टि लोगों को गले लगाने और साथ चलने की है।’

उन्होंने कहा कि इस मार्च का इस देश की राजनीति पर जबरदस्त प्रभाव पड़ेगा। राहुल गांधी ने कहा, ‘मैं यह नहीं बता सकता कि वास्तव में इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, लेकिन मैं यह बता सकता हूं कि यह यात्रा समाप्त नहीं हुई है। यह एक नई शुरुआत की ओर पहला कदम है।’