महंगाई के मोर्चे पर आलोचना का सामना कर रही मोदी सरकार के लिए एक राहत की ख़बर आई है. सितम्बर के महीने में थोक मूल्य सूचकांक 10.66 फ़ीसदी दर्ज़ किया गया जो अगस्त की तुलना में कम है. अगस्त में थोक मूल्य सूचकांक 11.39 फ़ीसदी दर्ज़ की गई थी. वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक़ थोक मूल्य सूचकांक में आई गिरावट की मुख्य वजह खाने पीने के सामानों की क़ीमत में आई गिरावट है. सरकार के लिए ये राहत की ख़बर इसलिए भी है क्योंकि पेट्रोल और डीज़ल के दामों में लगातार बढोत्तरी दर्ज़ की जा रही है. दिल्ली में गुरुवार को भी पेट्रोल की क़ीमत 104 रुपए प्रति लीटर से भी ज़्यादा रही.
वैसे सरकार के लिए ये चिंता की बात ज़रूर है कि लगातार छठे महीने महंगाई की थोक दर दोहरे अंकों में दर्ज़ की गई है. जुलाई में ये दर 11.57 फ़ीसदी दर्ज़ की गई थी. इतना ही नहीं , अगर पिछले साल से तुलना करें तो भी थोक महंगाई दर कहीं ज़्यादा है. पिछले साल सितंबर के महीने में महंगाई दर महज 1.32 फ़ीसदी दर्ज़ की गई थी.