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लखीमपुर में बड़ा हादसा, घाघरा में नाव पलटने से 10 लोग लापता, मौके पर पहुंचे DM-SP

लखीमपुर खीरी में घाघरा नदी में नाव पलट जाने से दस लोगों के लापता हो गये हैं। सभी घाघरा में बह जाने वाले लोग धौरहरा तहसील के मिर्जापुर गांव के रहने वाले हैं। बताया जा रहा है कि घाघरा पार कर खेत में काम करने के लिए जा रहे थे। घटना की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक घटनास्थल की ओर रवाना हो गए हैं। डीएम डॉ अरविंद ने सभी एसडीएम से बाढ़ के हालातों पर नजर रखने को कहा है। उत्तराखंड में भारी बारिश और बाढ़ के चलते उत्तर प्रदेश की नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। तेज बहाव और बाढ़ के कारण यह हादसा हुआ। नाव घटनास्थल से कुछ दूर अटवा गांव के पास बहती हुई मिली जिससे ग्रामीणों को किसी बड़ी अनहोनी की आशंका है।

ईसानगर थाना क्षेत्र के मिर्जापुर गांव के लोगों के खेत घाघरा नदी के दूसरी ओर है। बताया जाता है कि गांव के लोग सुबह के समय अपने खेतों पर पड़े धान को उठाने के लिए नाव से गए थे। नाव पर 10 लोग सवार थे। इस बीच नदी के दूसरी ओर स्थित अटवा गांव के लोगों ने सूचना दी कि जिस नाव पर सवार होकर मिर्जापुर के लोग जा रहे थे, वह बहती हुई दिखाई दी है। नाव पर कोई आदमी नहीं दिखा है। उन्होंने आशंका जताई कि नाव घाघरा नदी की तेज धार में पलट गई और उस पर सवार लोग लापता हो गये हैं। घाघरा की धारा में लोगों के बह जाने की सूचना पाकर तहसील प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। धौरहरा तहसीलदार संतोष शुक्ला ने पहले लापता लोगों की तलाश के लिए एक नाव पर कर्मचारी भेजे हैं। तेज धार की वजह से नाव आगे नहीं बढ़ पाई।

अब प्रशासन ने स्टीमर का इंतजाम कराया है। स्टीमर से फ्लड पीएसी के जवान लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं। नाव पर सवार लोगों में सुंदर पुत्र गया प्रसाद, त्रिमोहन पुत्र सुंदर, अशोक कुमार पुत्र गया प्रसाद, ढोड़े पुत्र ननकू, दीपू पुत्र ननकऊ, सुरेंद्र कुमार पुत्र ननकऊ, कृपा दयाल पुत्र मोहन, मुरारी पुत्र मौजीलाल, राजू पुत्र शैलाफी बताए गए हैं। मौके पर एसडीएम धौरहरा रेनू, थाना अध्यक्ष राज करण शर्मा, तहसीलदार संतोष कुमार शुक्ला बचाव दल के साथ मौजूद हैं।

60 गांव में बाढ़ का खतरा

बनबसा बैराज से छोड़े गया 5 लाख क्यूसेक पानी ने खीरी में तबाही मचा रखी है। मंगलवार की रात को ही पलिया और भीरा के बीच मुख्य रोड पर तीन फीट पानी आ गया। सड़क पर पानी आने के बाद इस रोड का ट्रैफिक बंद कर देना पड़ा। यहां से गुजरने वाली प्राइवेट बसें भी प्रशासन में रोक दीं। शारदा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। शारदा अपने खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही है। पलिया के कई मोहल्लों में दो से तीन फीट तक पानी घुस गया है। धौरहरा के 15 गांवों में बाढ़ का पानी दाखिल हो चुका है। गांवों तक जाने का रास्ता बन्द है। ट्रांस शारदा क्षेत्र के 12 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है गोविंदनगर, खजुरिया, प्रतापनगर में लगातार बाढ़ का पानी बढ़ रहा है। तिकुनिया में मोहाना और कर्णाली नदी उफनाई हुई है।