कहते है कि एक कलाकार को परदे पर रियल दिखने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है। तब कही जा कर उसका अभिनय निखर कर आता है। बता दे कि दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाली रामायण में राम का किरदार निभाने वाले एक्टर अरुण गोविल के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था।
जी हां अरुण गोविल को एक बु;री आदत थी और ऐसे में रामायण में राम बनने के लिए उन्होंने इस बु;री आदत को छोड़ दिया। वैसे इसमें कोई शक नहीं कि जो लोग किताबों में रामायण नहीं पढ़ सके और रामायण के बारे में नहीं जान सके, उन्हें टीवी पर देख कर रामायण के बारे में काफी कुछ पता चल गया होगा।
राम के किरदार के लिए पहले रिजेक्ट हो गए थे अरुण गोविल :
यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि रामायण को सम्पूर्ण बनाने में इसके सभी किरदारों का बहुत बड़ा हाथ है। खास करके अरुण गोविल का, जिन्होंने राम का किरदार निभा कर दर्शकों को प्रेम से खुद के सामने झुकने पर मजबूर कर दिया। हालांकि आपको ये जान कर हैरानी होगी कि पहले अरुण गोविल को इस किरदार के लिए रिजेक्ट कर दिया गया था। जी हां इस बारे में बात करते हुए अरुण गोविल ने बताया था कि पहले रामानंद सागर ने उन्हें यह रोल देने से मना कर दिया था।
मर्यादा पुरुषोत्तम राम बनने के लिए छोड़ दी यह बुरी आदत :
वो इसलिए क्यूकि रामानंद सागर का ये मानना था कि जो व्यक्ति मर्यादा पुरुषोत्तम राम के किरदार को परदे पर निभाएगा, उसमें कोई बु;री आदत नहीं होनी चाहिए। मगर तब अरुण गोविल को सिग;रेट पीने की काफी बुरी आदत थी। तो ऐसे में इस रोल को हासिल करने के लिए अरुण गोविल ने सिग;रेट पीना छोड़ दिया। यानि अगर हम सीधे शब्दों में कहे तो इस किरदार ने उनके जीवन को संवार दिया। बता दे कि अरुण गोविल ने इसके इलावा भी कई फिल्मों और शो में काम किया है, लेकिन जितनी प्रसिद्धि और प्यार उन्हें इस शो से मिला है, उतना किसी और शो से नहीं मिला।
भगवान की तरह पूजने लगे थे लोग :
जी हां उनकी प्रसिद्धि का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते है कि उस दौर में लोग अरुण गोविल के पोस्टर अपने घरों में लगा कर उन्हें पूजते थे और शूटिंग के दौरान भी लोग उनके पास आ कर अपनी तकलीफें बताते थे। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि अरुण गोविल ने इस किरदार को जीवित रूप से दर्शकों के सामने पेश करने के लिए और राम बनने के लिए काफी कड़ी मेहनत की है।