आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) ने अपने कार्यकर्ताओं से गैरहिंदुओं (non-hindus) के बीच जाकर काम करने और उन्हें अपनी विचारधारा से जोड़ने को कहा है। जानकारी के मुताबिक अवध प्रांत की बैठक के दौरान उन्होंने प्रचारकों और पदाधिकारियों से कहा कि उन्हें मुस्लिमों, सिखों, जैन (Muslims, Sikhs, Jains) और अन्य समुदाय के लोगों को जोड़ने की और उन्हें प्राथमिकता देने की जरूरत है। यह बैठक निराला नगर के सरस्वती शिशु मंदिर में की गई।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि आरएसएस भी मुसलमानों को बड़े स्तर पर अपने साथ जोड़ना चाहता है। भाजपा भी इस दिशा में काम कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पसमांदा मुसलमानों की बात की थी। हालांकि संघ की बात करें तो राष्ट्रीय मुस्लिम मंच पहले से ही मुस्लिमों के बीच इस अजेंडे पर काम कर रहा है। हालांकि अब संघ इस दायरे को बढ़ाना चाहता है। अवध प्रांत कार्यकारिणी और विभाग टोली के साथ सर संघचालक मोहन भागवत ने अलग-अलग बैठक की और इस बात पर जोर दिया कि गैर हिंदुओं को जोड़ने पर काम किया जाए।
आरएसएस अब अपनी कट्टर हिंदूवादी छवि तोड़ने का प्रयास कर रही है। लोकसभा चुनाव से पहले आरएसएस भी हर संप्रताय के साथ तालमेल बनाने के प्रयास में है। इसके अलावा दलित समाज को लेकर भी आरएसएस ने काम करना शुरू किया है। इसके लिए संघ में अलग-अलग टोलियां बनाई गई हैं। RSS दलित बस्तियों में जाकर काम करने और सामाजिक समरसता बढ़ाने पर ध्यान दे रहा है।
आरएसएस ने आगे योजना का ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है। अब आरएसएस कार्यकर्ता ईसाइयों, मुसलमानों, सिखों और अन्य धर्मों के लोगों से जाकर मिलेंगे। उनके पूजा स्थलों पर भी बैठकें होंगी और उनका विश्वास हासिल करने का प्रयास करेंगे। इसके अलावा आरएसएस के कार्यक्रमों भी भी गैरहिंदुओं को आमंत्रित किया जाएगा। बता दें कि अवध प्रांत में यूपी के 13 जिले आते हैं। संघ अपनी शाखाओं से भी गैरहिंदुओं को जोड़ने पर काम कर रहा है।