महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अगले सप्ताह 13 मंत्रियों को शामिल करके अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। इनमें से आठ भाजपा से और पांच एकनाथ शिंदे गुट से। मंगलवार से गुरुवार के बीच कैबिनेट विस्तार का पहला चरण संपन्न होगा। इस बात की संभावना है कि विधानसभा के मानसून सत्र के बाद दूसरा कैबिनेट विस्तार होगा। इस दौरान बड़े पैमाने पर मंत्रियों को शामिल किया जाएगा।
सीएम एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दोनों ने शनिवार को दिल्ली में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मंत्रिमंडल का विस्तार 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले किया जाएगा। शिंदे ने कहा कि पंढरपुर से लौटने के बाद इस मुद्दे पर भाजपा से चर्चा की जाएगी। रविवार को आषाढ़ी एकादशी पूजा करने जा रहे हैं।
दिल्ली में मोदी-शाह और नड्डा से की मुलाकात
शुक्रवार की रात दोनों नेताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। दिल्ली में उनके साथ चार घंटे से अधिक लंबी चली। इस दौरान मंत्रियों के नाम और विभाग बंटवारे पर विस्तार से चर्चा हुई। इसके बाद शनिवार की सुबह उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और रजानाथ सिंह से मुलाकात की।
जानकार लोगों ने कहा कि महाराष्ट्र के दोनों नेताओं ने अमित शाह के साथ कैबिनेट विस्तार पर चर्चा की। हालांकि बाद में दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए शिंदे और फडणवीस दोनों ने कहा कि बैठकों को लेकर कुछ ज्यादा अनुमान नहीं लगाना चाहिए। शिंदे ने कहा, “हमने अमित शाह के साथ किसी भी पोर्टफोलियो को साझा करने पर चर्चा नहीं की, यह सिर्फ एक शिष्टाचार मुलाकात थी।”
शिंदे के शोलापुर से लौटते ही शपथ
इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शिंदे और फडणवीस मुख्यमंत्री के शोलापुर से लौटने के बाद विस्तार योजना को अंतिम रूप देंगे। शिंदे ने यह भी कहा कि फडणवीस और उनकी सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के साथ हुई बैठक में ज्यादा कुछ नहीं पढ़ा जाना चाहिए। मेहता शिवसेना के उद्धव ठाकरे खेमे द्वारा शिंदे सहित शिवसेना के 16 विधायकों को अयोग्यता नोटिस जारी करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक मामले में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की ओर से पेश हो रहे हैं। अदालत मंगलवार को मामले की सुनवाई करने वाली है।
शिंदे ने कहा, “हम 12 जुलाई के मुद्दे के संबंध में उनसे नहीं मिले थे। हमने उनके साथ ओबीसी आरक्षण (स्थानीय निकाय चुनावों के लिए) के मुद्दे पर चर्चा की। हमने उनसे मामले में हमारा प्रतिनिधित्व करने का अनुरोध किया ताकि स्थानीय निकाय चुनावों के लिए ओबीसी आरक्षण को बहाल किया जा सके।”
ठाकरे खेमे के सारे तर्क को शिंदे ने किया खारिज
फडणवीस और शिंदे ने ठाकरे खेमे के इस तर्क को खारिज कर दिया कि सरकार बनाने के लिए भाजपा में शामिल हुए शिवसेना के बागी विधायक असली शिवसेना नहीं थे। फडणवीस ने कहा, “हमने बालासाहेब ठाकरे की पार्टी के साथ गठबंधन किया है जो वैचारिक रूप से हिंदुत्व से जुड़ी है।”
मध्यावधि चुनाव की भविष्यवाणी का मजाक उड़ाया
शिंदे ने ठाकरे की उन्हें और भाजपा को मध्यावधि चुनाव कराने की चुनौती का मजाक उड़ाया। शिंदे ने कहा, “चुनाव संविधान के अनुसार होते हैं और लोकतंत्र में बहुमत मायने रखता है। हमें मध्यावधि में जाने की जरूरत क्यों है जब हमने विश्वास मत में 164 विधायकों के साथ जीत हासिल की है जबकि उन्हें केवल 99 वोट मिले हैं।” मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार स्थिर है और चुनाव से पहले शेष ढाई साल तक चलेगी और उसके बाद भी सत्ता बरकरार रहेगी।
उन्होंने ठाकरे खेमे के इन दावों को भी खारिज कर दिया कि शिवसेना के विधायकों ने बगावत कर दी थी या पैसे के लालच में भाजपा में शामिल हो गए थे। शिंदे ने कहा, “यह विद्रोह नहीं बल्कि एक क्रांति है। विधायक खुद आए हैं। वे पैसे के लिए खुद को बेचने नहीं जा रहे हैं। शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे ने खुद कहा था कि अगर पार्टी कभी कांग्रेस और राकांपा के साथ हाथ मिलाती है तो वह पार्टी को बंद कर देंगे।”