लखनऊ: सोमवार को बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत के दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि केंद्र और उत्तर प्रदेश सहित देश के जिन राज्यों में भाजपा की सरकारें चल रही हैं, वे भारतीय संविधान की सही मानवतावादी मंशा के मुताबिक चलने की बजाए ज़्यादातर आरएसएस के संकीर्ण एजेंडे पर चल रही हैं, ये आम चर्चा है।
बसपा सुप्रीमो का भाजपा और RSS पर तीखा वार
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के कल एक कार्यक्रम में भारत में सभी धर्मों के लोगों का डीएनए एक होने की बात किसी के भी गले के नीचे आसानी से नहीं उतरने वाली है। आरएसएस और बीजेपी एंड कंपनी के लोगों तथा इनकी सरकारों की कथनी व करनी में अंतर सभी देख रहे हैं।
आरएसएस के समर्थन के बिना बीजेपी का अस्तित्व कुछ भी नहीं: मायावती
आगे उन्होनें कहा कि आरएसएस के सहयोग और समर्थन के बिना बीजेपी का अस्तित्व कुछ भी नहीं है। फिर भी आरएसएस अपनी कही गई बातों को बीजेपी और इनकी सरकारों से लागू क्यों नहीं करवा पा रही है? भारत सरकार द्वारा राफेल लड़ाकू विमान की खरीद में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों पर फ्रांस की सरकार द्वारा बैठाई गई न्यायिक जाँच की खबर देश-दुनिया में बड़ी सुर्खियों में आने से यह मामला फिर से ताज़ा होकर जनचर्चाओं में आ गया है। केन्द्र की सरकार भी इसका उचित संज्ञान ले तो बेहतर।
सरकारों की कथनी व करनी में अंतर
साथ ही वह बोली कि वैसे रक्षा सौदों में कमीशन का आरोप-प्रत्यारोप व इसकी जाँच आदि होना यहाँ कोई नया नहीं बल्कि कांग्रेस सरकार के समय से ही पुराना ज्वलन्त अध्याय है किन्तु केन्द्र की वर्तमान सरकार राफेल विवाद को जनसंतोष के मुताबिक निपटारा करके इस मुद्दे को विराम दे तो यह उचित, ऐसा बीएसपी का मानना। उत्तर प्रदेश की वर्तमान भाजपा सरकार द्वारा अधिकांश जातिगत, धार्मिक व राजनीतिक द्वेष की भावना से अभी तक जिन मामलों में जिनकी संपत्ति ज़ब्त व ध्वस्त की गई है, उनमें ज़्यादातर मुस्लिम लोग प्रभावित हुए हैं, ऐसा मुस्लिम समाज व आम लोगों का मानना है।