आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के तेनाली में एक शख्स ने अपने बेटे के साथ मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की 14 फीट ऊंची मूर्ति बनाई है. ये मूर्ति लोहे के स्क्रैप से बनाई गई है, दोनों ने मिलकर लोहे के कबाड़ से ये मूर्ति बनाई है. दोनों पिता-पुत्र अच्छे कलाकार हैं, कई मूर्तियां बनाई हैं. पिता का नाम काटूरी वेंकटेश्वर राव और बेटे का नाम रविचंद्रा है. दोनों तेनाली में ही ‘सूर्य शिल्पशाला’ चलाते हैं. वेंकटेश्वर राव ने कहा कि इस प्रतिमा को पूरा करने के लिए 10-15 श्रमिकों ने लगभग 2 महीने तक लगातार काम किया है. मूर्ति बनाने में बेकार सामान, लोहे के कबाड़ जिसमें खासतौर पर नट और बोल्ट का इस्तेमाल किया गया है.
वेंकटेश्वर राव ने बताया कि उन्होंने पिछले 12 साल में करीब 100 टन लोहे के कबाड़ का इस्तेमाल करते हुए कई कलाकृतियां बनाई है. रविचंद्रा के मुताबिक वे सिंगापुर, मलेशिया और हांगकांग जैसे देशों में इसकी प्रदर्शनी भी लगा चुके हैं. वेंकटेश्वर राव ने कहा कि इससे पहले भी 75000 नट का इस्तेमाल करते हुए 10 फीट ऊंची महात्मा गांधी का एक स्कल्पचर बनाया था. जो अपने आप में एक विश्व रिकॉर्ड है. महात्मा गांधी की मूर्ति देखने के बाद बेंगलुरु के एक संस्था ने प्रधानमंत्री मोदी का स्कल्पचर बनाने को कहा था. प्रधानमंत्री मोदी का स्कल्पचर बनाने में करीब दो महीने का समय लगा है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ये प्रतिमा बेंगलुरु में स्थापित की जाएगी.