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पढ़ाई छोड़कर तांत्रिक बना 16 साल का लड़का, एक का किया मर्डर, गांव वालों को विश्वास दिलाने के लिए रचा ये ढोंग

सोलह साल का एक लड़का दसवीं की पढ़ाई छोड़कर तांत्रिक जैसा काम करता था और खुद को महाराज बताते हुए समस्‍या का समाधान करने की बात कहता था. उसी नाबालिग लड़के ने एक 11 साल के बच्‍चे की हत्‍या कर दी. यह सनसनीखेज मामला राजस्‍थान के अलवर जिले का है. अलवर के मालाखेड़ा में हुई 11 साल के बच्चे की हत्या के मामले में पुलिस ने खुलासा करते हुए आरोपी नाबालिग को पकड़ लिया है. आरोपी 16 वर्षीय है जो दसवीं के बाद पढ़ाई छोड़ चुका है और तांत्रिक जैसा काम करता है. वह खुद को महाराज बताते हुए बाबा का आना बताता है और आसपास के लोग कुछ जानने पूछने भी उसके यहां जाते हैं.

मृतक के घर के पास एक चबूतरा बनाकर आरोपी पक्ष की ओर से टीन लगाए गए थे जिसपर इनका विवाद हुआ था. पूरे मामले में नरबलि जैसी बात से इनकार किया है और कहा है कि किसी भी तरह की नरबलि की घटना नहीं हुई है. मृतक आरोपी को बार-बार महाराज कहकर चिढ़ाता था. पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी ने कहा कि घटना के दिन आरोपी मृतक को अपने साथ सरसों के खेत में बहाने से लेकर गया और वहां गला दबाकर हत्या कर दी. बाद में जब मामला पुलिस तक पहुंचा तो नावली गांव में ही सरसों के खेत में शव पड़े होने की सूचना भी आरोपी द्वारा ही दी गई लेकिन यह सूचना उसने तब दी जब गांव के लोग उसके पास बाबा समझकर यह जानने पहुंचे कि बच्‍चा कहां लापता हुआ होगा.

पहले तो उसने दिशा के बारे में बताया कि इस दिशा में बच्चा मिल सकता है. बाद में खेत और आसपास की लोकेशन बताई. यह सब आरोपी खुद जानता था और आम लोगों पर प्रभाव डालने की नीयत से चबूतरे पर बैठ कर खुद में बाबा आने का बहाना करके बताया ताकि लोगों को विश्वास हो जाए कि उसके पास पराशक्तियां हैं. मृतक के परिजनों की ओर से आरोपी और एक अन्य के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दी गई थी जिसके बाद पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया था. पुलिस का कहना है कि हत्या नाबालिग द्वारा ही की गई है. कान कटा होने और नाक और नाखून पर चोट के निशान को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर किसी जानवर द्वारा काटा गया बताया गया है. पुलिस अधीक्षक ने कहा बॉडी पर जो नि‍शान हैं, वह मरने के बाद के हैं. पोस्टमॉर्टम में दम घुटने से मौत होना बताया गया है. गौरतलब है कि इस मामले में मानवाधिकार आयोग और बाल संरक्षण आयोग ने भी संज्ञान लेते हुए जिला कलेेक्टर से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी. पूरे मामले में पुलिस ने पूरी तरह से नरबलि जैसी बात से इंकार कर दिया है लेकिन यह सच है कि आरोपी पूजा और गांव में ओझा का काम करता था जिसके पास काफी संख्या में लोग आते थे. इस काम मे उसके परिजन भी सहयोग करते थे.