न्यूजीलैंड के खिलाफ कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में खेले जा रहे टेस्ट सीरीज के पहले मैच में भारतीय बल्लेबाज श्रेयस अय्यर ने इतिहास रच दिया है। श्रेयस अब अपने डेब्यू मैच में ही एक शतक और एक फिफ्टी जड़ने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं। भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में ऐसे दो बल्लेबाज रहे हैं, जिन्होंने डेब्यू टेस्ट में दोनों पारियों में अर्धशतक जड़ा, लेकिन कोई भी शतक के अलावा फिफ्टी नहीं जड़ पाया। इसमें दिलावर हुसैन और महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर का नाम शामिल है। दिलावर ने 1933-34 में इंग्लैंड के खिलाफ कोलकाता टेस्ट में अपना डेब्यू करते हुए पहली पारी में 59 और दूसरी पारी में 57 रनों की पारी खेली थी। इसके अलावा गावस्कर ने 1970-71 में पोर्ट ऑफ स्पेन में वेस्टइंडीज के खिलाफ 65 और नाबाद 67 रनों की पारी खेली थी।
अय्यर ने यहां उस समय भारतीय पारी को संभाला, जब टीम 51 रनों के स्कोर पर ही पांच विकेट गंवाकर संघर्ष करती नजर आ रही थी। उन्होंने 65 रनों की अपनी पारी में आठ चौके और एक लंबा छक्का जड़ा। श्रेयस ने छठे विकेट के लिए आर अश्विन के साथ 52 और सातवें विकेट के लिए विकेटकीपर बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा के साथ 64 रनों की साझेदारी की। इन दोनों साझेदारियों के दम पर भारत मुसीबत से निकलने में कामयाब रहा है।
डेब्यू मैच में श्रेयस अय्यर शतक जड़ने वाले 16वें भारतीय
श्रेयस ने इस मैच की पहली पारी में भी इतिहास रचते हुए शतक जड़ दिया था। श्रेयस ने कीवी टीम के खिलाफ 105 रनों की पारी खेलकर डेब्यू टेस्ट में शतक जमाने वाले 16वें भारतीय बल्लेबाज बने। इस लिस्ट में लाला अमरनाथ, गुंडप्पा विश्वनाथ, सौरव गांगुली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गजों के नाम शामिल हैं। भारत की ओर से सबसे पहले यह कारनामा लाला अमरनाथ ने किया था, जिन्होंने 1933 में इंग्लैंड के खिलाफ मुंबई में खेले गए टेस्ट मैच में 118 रनों की पारी खेली थी। उनके बाद दीपक शोधन (110), एजी कृपाल सिंह (नॉटआउट 100), अब्बास अली बेग (112), हनुमंत सिंह (105), गुंडप्पा विश्वनाथ (137), सुरिंदर अमरनाथ (124), मोहम्मद अजहरुद्दीन (110), प्रवीण आमरे (103), सौरव गांगुली (131), वीरेंद्र सहवाग (105), सुरेश रैना (120), शिखर धवन (187), रोहित शर्मा (177) और पृथ्वी शॉ (134) भी यह कारनामा कर चुके हैं।