भागदौड़ भरी जिंदगी में डिप्रेशन (depression) एक बड़ी दिक्कत बनकर सामने आया है। डिप्रेशन की वजह से कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है। कई केस में तो इंसान आत्महत्या तक कर लेता है। ऐसे में एक स्टडी सामने आई है जो डिप्रेशन से बचने में आपकी मदद कर सकती है। स्टडी में दावा किया गया है कि मशरूम (mushrooms) खाने से डिप्रेशन का खतरा काम किया जा सकता है। पेन स्टेट कॉलेज ऑफ मेडिसिन ने पाया कि मशरूम डिप्रेशन को कम करता है। मशरूम में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी अमीनो एसिड इस स्थिति से लड़ने में मदद कर सकता है। स्टडी में 24000 से अधिक अमेरिकी एडल्ट्स को शामिल कर उनके मेंटर हेल्थ का डेटा लिया गया।
मशरूम खाने से डिप्रेशन कैसे कम होगा
स्टडी में दावा किया गया है कि मशरूम खाने से आपको डिप्रेशन के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। 24 हजार लोगों पर की गई स्टडी में पता चला कि जो लोग मशरूम से परहेज करते हैं उनमें डिप्रेशन का खतरा ज्यादा मिला।
डॉक्टर जोशुआ मस्कट का कहना है कि स्टडी के बाद ये समझ आया कि जो लोग लगातार मशरूम खाते हैं उनमें हेल्थ से जुड़ी दिक्कत कम होती है। एकेडमिक्स का मानना है कि मशरूम खाने से अमीनो एसिड डिप्रेशन के प्रभाव को कम करता है।
स्टडी के प्रमुख शोधकर्ता डॉक्टर जिब्रिल बा ने कहा, मशरूम अमीनो एसिड एर्गोथायोनीन का बढ़िया सोर्स है। इसकी वजह से ऑक्सीडेटिव तनाव का खतरा कम हो सकता है, जो डिप्रेशन के लक्षणों को भी कम कर सकता है।
सफेद मशरूम में पोटेशियम की मात्रा चिंता करने वाले लक्षणों को भी कम करते हैं। हालांकि इस स्टडी में ये नहीं बताया गया कि कौन से मशरूम ज्यादा फायदेमंद हैं, क्योंकि जिन लोगों पर अध्ययन किया गया, उन्होंने ये नहीं बताया कि कौन सा मशरूम खाया था।
स्टडी में शामिल लोगों को तीन ग्रुप में बांटा गया, इस आधार पर कि उन्होंने कितने मशरूम खाए। सबसे कम टर्टिल ने उन्हें रखा गया, जिन्होंने मशरूम नहीं खाया। मीडिल में उन्हे, जिन्होंने 4.9 ग्राम प्रतिदिन मशरूम खाया। तीसरी कैटेगरी में उन्हें रखा गया जिन्होंने औसतन प्रति दिन 19.6 ग्राम मशरूम खाया।