भारत में आतंक फैलाने के लिए एक बार फिर आतंकी संगठन एकजुट हो रहे हैं। खुफिया जानकारी के मुताबिक 15 जुलाई को PoK के चेलाबंदी में आतंकी कमांडरों के साथ मीटिंग में ISI ने वहां मौजूद आतंकी कमांडरों को भारतीय खुफ़िया एजेंसियों के लोगों को टारगेट करने को कहा है। हाल के समय में कई बड़े आतंकी हमलों को खुफिया इनपुट मिलने के चलते नाकाम कर दिया गया। इन्हीं सूचनाओं के आधार पर हथियार और गोला बारूद भी बरामद किया गया। इससे बौखलाई आईएसआई ने आतंकी संगठनों पर इंटेलिजेंस अफसरों को चिह्नित कर निशाना बनाने का दबाव बनाया है।
सूत्रों के अनुसार एक माह पूर्व ही पीओजेके के मुजफ्फराबाद में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन की बैठक हुई। इसमें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के अफसर भी मौजूद रहे। आईएसआई ने श्रीनगर, कुपवाड़ा और बारामुला में तैनात अफसरों को चिह्नित कर इन्हें निशाना बनाने को कहा है। आईएसआई ने कश्मीर में मौजूद ओजी वर्करों से कहा है कि वह अफसरों के वाहनों के नंबर, नाम पते और कार्यालय का पता लगाएं और उनकी आवाजाही पर नजर रखें।
यह भी कहा है कि इन लोगों को निशाना बनाने में आसानी होगी, क्योंकि यह लोग जवाबी कार्रवाई में भी सक्षम नहीं होंगे। इनके पास हथियार नहीं होंगे। न ही इनके पास ऐसा तंत्र होगा कि कोई जवाब दे सकें। कश्मीर में प्रदेश के अलावा एमआई, रॉ, आईबी जैसी एजेंसियों के अफसर तैनात हैं।
उधर, सीमा पार से होने वाली किसी भी नापाक हरकत को नाकाम करने के लिए बॉर्डर क्षेत्र के सुरक्षा ग्रिड को बेहद मजबूत किया गया है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर किसी भी तरह का खलल नहीं पड़ने दिया जाएगा।
सीमावर्ती क्षेत्र आरएस पुरा दौरे पर पहुंचे एसएसपी जम्मू चंदन कोहली ने कहा कि ड्रोन से लेकर जमीन से किसी भी संदिग्ध हरकत को लेकर सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं। एसएसपी ने सीमावर्ती क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के बाद कहा कि जांच नाके बढ़ाए गए हैं। रात को पेट्रोलिंग की जा रही है। किसी भी पर संदेह होने पर पूछताछ की जा रही है।
एसएसपी ने कहा कि ड्रोन से घुसपैठ एक नई चुनौती है, लेकिन सुरक्षा अमले ने इस चुनौती से निपटने के लिए पूरी तैयार की है। कई ड्रोन मार गिराए गए हैं, जबकि हथियारों और ड्रग्स की तस्करी के प्रयास विफल किए गए हैं।