चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि विदेशी शक्तियां चीन को धमकाने या प्रभावित करने का प्रयास करती हैं तो उन्हें पलटकर करारा जवाब दिया जाएगा। राष्ट्रपति शिनपिंग ने गुरुवार को सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम में जोशीला भाषण देते हुए यह बात कही। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, श्री जिनपिंग ने आगे कहा कि चीन किसी भी देश को अपने बारे में किसी भी तरह के “पवित्र उपदेश” की अनुमति नहीं देगा। इसे व्यापक तौर पर अमेरिका के लिए माना जा रहा है।
उन्होंने यह बयान ऐसे समय दिया है जब चीन को कथित मानवाधिकारों के हनन और हांगकांग में इसकी कार्रवाई, विशेष रूप से लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं के खिलाफ उठाए गए कदमों की व्यापक आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। हाल के दिनों में व्यापार, जासूसी और कोरोना महामारी को लेकर अमेरिका और चीन के बीच संबंधों में जोरदार गिरावट आई है।
ताइवान का मसला भी दोनों देशों के बीच तनाव का एक प्रमुख कारण है, जहां ताइवान खुद को अमेरिकी समर्थित एक संप्रभु राज्य के रूप में देखता है, जबकि चीन इसे अपने एक अलग प्रांत के रूप में देखता है। अमेरिकी कानूनों के अनुसार यदि चीन इस द्वीप को वापस लेने के लिए बल प्रयोग करता है तो अमेरिका को ताइवान को उसकी रक्षा के लिए साधन प्रदान करने की जरूरत है।
श्री जिनपिंग ने कहा कि चीन ताइवान को अपनी मुख्य भूमि के साथ जोड़े रखने के लिए एक “अटूट प्रतिबद्धता” रखता है। उन्होंने कहा कि किसी को भी हमारी क्षमता को लेकर मुगालते में नहीं रहना चाहिए और चीनी लोग अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अस्मिता की रक्षा करने में समर्थ हैं। आज सुबह इस शताब्दी समारोह कार्यक्रम में सैन्य जेट फ्लाई-पास्ट और तोपों की सलामी का आयोजन हुआ तथा देशभक्ति के गीत बजाए गए। यह कार्यक्रम बीजिंग के तियानमेन स्क्वायर में आयोजित किया गया जहां लोगों की जोरदार भीड़ थी और अधिकतर लोग बिना मास्क लगाए आए हुए थे।