उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ जिलों में कोविड -19 की दूसरी लहर के चरम के दौरान नदी से शव निकाले गए थे. इसके बाद सरकार ने गंगा के पानी में कोरोनावायरस को लेकर स्टडी करने के निर्देश दिए थे. इस स्टडी में पाया गया कि में गंगा के पानी में कोरोनावायरस का कोई निशान नहीं है. इसमें कई जिलों से सैंपल लिए गए थे.
यह स्टडी जल शक्ति मंत्रालय के तहत आने वाले राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) , भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान (IITR) , लखनऊ, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों की मदद से की गई है. स्टडी दो चरणों में की गई, जिसमें कन्नौज, उन्नाव, कानपुर, हमीरपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, बलिया, बक्सर, गाजीपुर, पटना और छपरा से नमूने लिए गए थे.
गंगा के पानी में नहीं है कोरोना वायरस
स्टडी में सामने आया कि गंगा नदी के पानी में कोरोना वायरस का कोई अंश नहीं मिला है. वायरोलॉजिकल अध्ययन के तहत पानी के नमूनों से वायरस के आरएनए को निकाला गया ताकि जलाशय में वायरल लोड निर्धारित करने के लिए आरटी-पीसीआर जांच की जा सके.
बिहार और यूपी में गंगा से निकाले गए थे शव
कोरोना की दूसरी लहर से बिहार और उत्तर प्रदेश बुरी तरह प्रभावित हुए थे. इस दौरान दोनों दोनों राज्यों में गंगा से शव निकलने का मामला सामने आया था. इसके बाद केंद्र सरकार ने इसकी जांच के साथ ही गंगा में कोरोना की मौजूदगी का पता लगाने के लिए कहा गया था.