कोरोना वायरस का प्रकोप दुनियाभर में जारी है। अब हर किसी को एक सुरक्षित और असरदार वैक्सीन का इंतजार है। रूस और चीन में कुछ टीकों को मंजूरी तो दे दी गई है, लेकिन तीसरे चरण का ट्रायल अभी पूरा नहीं हुआ है। वहीं, भारत, अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देशों में कुछ वैक्सीन कैंडिडेट्स के तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है। इन्हीं में से एक है- एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन।
खबर के मुताबिक ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के सहयोग से एस्ट्राजेनेका कंपनी इस वैक्सीन को विकसित कर रही है। इस वैक्सीन के बारे में सामने आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, बुजुर्गों पर भी इस टीके का शानदार असर देखने को मिल रहा है। बताया जा रहा है कि टीका लगाने के बाद उनमें मजबूत एंटीबॉडी तैयार हुई है, जो कोरोना वायरस से लड़ने में सक्षम है।
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट एक रिपोर्ट में वैक्सीन डेवलपमेंट से जुड़े दो लोगों का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि कोविड-19 महामारी से मुकाबला करने के लिए एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन ने मानव शरीर में मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पैदा की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि एस्ट्राजेनेका कंपनी जिस वैक्सीन का निर्माण कर रही है, उससे बड़े आयु वर्ग के लोगों में सुरक्षात्मक एंटीबॉडी तो पैदा हुई ही हैं, इसके साथ टी-कोशिकाओं का भी उत्पादन हुआ है।
अधिक जानकारी के लिए आपको बता दें कि ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका की इस वैक्सीन के ट्रायल के दौरान ब्राजील में एक वॉलेंटियर की मौत के बाद तीसरे चरण का ट्रायल रोक दिया गया था। हालांकि जांच में पता चला कि जिस वॉलेंटियर की मौत हुई थी, उसे कोरोना की वैक्सीन नहीं दी गई थी। अन्य देशों के साथ अमेरिका में भी वैक्सीन का ट्रायल फिर से शुरू किया जा चुका है।