जैसा कि सब जानते है कि तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान(Afghanistan) पर अपना कब्जा कर लिया है. वहीं अब पहले बड़े सीरियल ब्लास्ट ने दुनिया को दहला कर रख दिया है । बता दें कि काबुल एयरपोर्ट(Kabul airport) पर एक के बाद एक हुए 7 बम धमाकों में 70 से ज्यादा लोग मारे गए हैं, मरने वालों में मासूम अफगानी नागरिक, अमेरिकी नौसैनिक शामिल थे। वहीं तालिबानी भी धमाकों से खुद को अलग बताते हुए अपने 28 लड़ाकों के मारे जाने की बात कहकर सहानुभूति पाने की कोशिश करते दिख रहा है। तालिबान ने हमले का सारा इल्जाम अमेरिका पर लगाया है.जबकि इस हमले की जिम्मेदारी खुद आईएसआईएस-के ने ली है। इस आतंकी संगठन से तालिबान(Taliban) के संबंधों की चर्चा होती रही है।
इससे पहले कि तालिबान खुद को इस धमाके का पीड़ित बताए,उससे पहले ही अफगानिस्तान के स्वघोषित कार्यवाहक
राष्ट्रपति अमरूल्लाह सालेह(amrullah saleh) ने तालिबान की पोल खोल दी है । सालेह ने कहा कि तालिबान आईएसआईएस-के के साथ अपने संबंधों को नकार नहीं सकता।
अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति रह चुके अमरूल्लाह सालेह ने ट्वीट कर कहा कि तालिबान आईएसआईएस (ISIS) के साथ अपने संबंधों से इनकार कर रहा है, यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे पाकिस्तान आतंकी संगठन क्वेटा को लेकर दावा करता है। तालिबानी और हक्कानी नेटवर्क हैं, जो कि काबुल में काफी सक्रिय है। तालिबान अपने मास्टर से अच्छी तरह सीख गया है।
वहीं अमरुल्लाह सालेह की बातों से साफ है कि तालिबान का हमलों के बाद रोना सिर्फ सहानुभूति पाने की एक कोशिश भर है।
बता दें कि एयरपोर्ट के पास हुई ये आतंकवादी घटना पाकिस्तान(Pakistan) में रची साजिश का नतीजा है । इस भयंकर हमले के पीछे पाकिस्तान में रहने वाले आईएसआईएस(ISIS) के खूंखार आतंकी असलम फारूकी का हाथ बताया जा रहा है। अफगानी सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि शांति प्रक्रिया के तहत कई ‘खतरनाक और खूंखार आतंकी’ रिहा किए गए थे, यही आतंकी काबुल हमले के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।