नए कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव (congress president elections) में ज्यादा वक्त नहीं रह गया है। आगामी 17 अक्टूबर को होने वाली वोटिंग से पहले शशि थरूर (Shashi Tharoor) और मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) दोनों चुनावी कैंपेन (election campaign) में बिजी हैं। इस बीच गुरुवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार शशि थरूर ने अपने साथ पक्षपात का मुद्दा उठाया। उनका कहना है कि उन्हें हालांकि चुनाव का जिम्मा संभाल रहे वरिष्ठ नेता मधुसूदन मिस्त्री (Madhusudan Mistry) से कोई शिकायत नहीं है। लेकिन, खड़गे का हर जगह स्वागत हो रहा है और मेरे साथ भेदभाव। थरूर आगे सफाई में यह भी कहते हैं कि हो सकता है कि काफी साल बाद चुनाव हो रहे हैं, इसलिए कुछ गलतियां हुई हों।
शशि थरूर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कई जगहों पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को बुला रहे हैं। उनका स्वागत कर रहे हैं। यह केवल एक ही उम्मीदवार के लिए था, पर जब वह प्रदेश कांग्रेस कमेटियों में गए थे, उनके लिए यह इंतजाम नहीं थे।
थरूर ने कहा कि चुनाव प्रचार के सिलसिले में वह कई पीसीसी में गए थे। पर, वहां प्रदेश अध्यक्ष भी नहीं थे। उन्होंने कहा कि वह खुशी से साधारण कार्यकर्ता से मिले और उनके सामने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि इससे उन पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है, क्योंकि पार्टी के वरिष्ठ नेता और डेलीगेट में शामिल पार्टी के आम कार्यकर्ता के वोट का असर बराबर है।
सिस्टम में दिक्कत, शिकायत किसी से नहीं
उन्होंने कहा कि उन्हें केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण से कोई शिकायत नहीं है। पार्टी में दो दशक बाद चुनाव हो रहे हैं। इसलिए सिस्टम में दिक्कतें आ रही हैं। थरूर ने कहा कि उन्हें डेलीगेट की जो पहली लिस्ट मिली थी, उसमें डेलीगेट के मोबाइल नंबर नहीं थे। दूसरी लिस्ट में भी कुछ गड़बड़ियां हैं। इससे उन्हें अध्यक्ष चुनाव के मतदाताओं को वोट डालने में दिक्कत आ रही है।