केंद्रीय वेतन आयोग की संस्तुतियों और राज्य सरकार द्वारा पांचवें और छठवें लागू की गई वेतन संरचना में काम करने वाले कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का आदेश सरकार ने दे दिया है। इन्हें बढ़े हुए महंगाई भत्ते का फायदा एक जुलाई 2021 से मिलेगा। सरकार एक अगस्त से नए दर से महंगाई भत्ते का नगद भुगतान करेगी। नई दर से पांचवें वेतमान के कार्मिकों को अब 356 फीसदी और छठें वेतनमान के कार्मिकों को 189 फीसदी महंगाई भत्ता दिया जायेगा।
अपर मुख्य सचिव वित्त एस. राधा चौहान ने महंगाई भत्ता दिए जाने का आदेश जारी कर दिया। ये वे कर्मचारी हैं जिन्होंने एक जनवरी 2006 से पुनरीक्षित वेतन संरचना का चयन नहीं किया था। जिनके वेतनमान एक जनवरी 2006 से पुनरीक्षित नहीं हैं। इनमें पूर्णकालिक राज्य कर्मचारी, सहायता प्राप्त शिक्षण तथा प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, शहरी स्थानीय निकायों के नियमित कर्मचारियों के साथ ही यूजीसी वेतनमानों में कार्यरत कर्मचारी हैं।
शासनादेश में साफ किया गया है कि एक जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक के दौरान पांचवें वेतनमान वाले कार्मिकों के महंगाई भत्ते की दर वेतन और महंगाई वेतन के योग का 312 फीसदी और छठें वेतनमान के कार्मिकों की महंगाई भत्ते की दर मूल वेतन का 164 फीसदी होगा। एक अगस्त 2021 से महंगाई भत्ते की बढ़ी हुई धनराशि का भुगतान नगद किया जाएगा। वहीं जुलाई 2021 के देय अवशेष धनराशि कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते में देय आयकर व सरचार्ज की कटौती के अधीन जमा कर दी जाएगी। इस धनराशि को एक अगस्त 2022 से पूर्व कर्मचारी निकाल नहीं पाएंगे।
अगर कोई कर्मचारी और भविष्य निधि खाते का सदस्य नहीं है तो उसको अवशेष धनराशि एमएससी के रूप में मिलेगी। एनपीएस से आच्छादित कार्मिकों का देय महंगाई भत्ते के जुलाई 2021 तक की अवशेष धनराशि का दस फीसदी के बराबर कार्मिक के टीयर तीन पेंशन खाते में जमा होगी। राज्य सरकार अवशेष धनराशि के 14 फीसदी के बराबर राशि टियर एक पेंशन खाते में जमा होगी। वहीं दूसरी तरफ 90 फीसदी धनराशि एनएससी के रूप में दी जाएगी। जो कार्मिक शासनादेश जारी होने से पूर्व सेवानिवृत्त हो चुके हैं या फिर जो छह महीने के भीतर सेवानिवृत्त होने वाले हैं उनको देय महंगाई भत्ते की पूरी धनराशि नगद मिलेगी।