अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों पर तालिबान का दमन जारी है। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक काबुल के करते परवान इलाके में स्थित गुरुद्वारा दशमेश पिता में हथियारबंद तालिबान लड़ाके जबरन घुसे और वहां मौजूद सिख समुदाय के लोगों को धमकाया। यह जानकारी इंडियन वर्ल्ड फोरम के अध्यक्ष पुनीत सिंह चंढोक ने दी है। चंढोक ने बताया कि उन्हें यह जानकारी समुदाय के एक सदस्य ने फोन करके दी है। तालिबान ने गुरुद्वारे की पवित्रता को भी आघात पहुंचाया।
पुनीत सिंह चंडोक ने बताया कि तालिबान लड़ाकों न केवल गुरुद्वारे पर वरन उससे जुड़े सामुदायिक स्कूल के परिसर में भी छापेमारी की। गुरुद्वारे के निजी सुरक्षा गार्डों ने शुरू में उन्हें इस तरह दाखिल होने से रोका तो उन्होंने गंभीर नतीजे भुगतने की धमकी दी। चंडोक ने बताया कि तालिबान ने गार्डों के साथ मारपीट भी की। सिख समुदाय के एक व्यक्ति ने चंडोक को बताया कि अपमानजनक बातें करने के बाद तालिबान कुछ देर तक गुरुद्वारा परिसर में रहे और उसके बाद चले गए।
तालिबान ने गुरुद्वारे से सटे सांसद नरिंदर सिंह खालसा के पूर्व आवास और कार्यालय पर भी छापेमारी की। चंडोक ने बताया कि समुदाय के लगभग 20 सदस्य गुरुद्वारे में मौजूद हैं। उन्होंने भारत सरकार से गुजारिश की कि वह अफगानिस्तान में रहने वाले हिंदू और सिख समुदायों की चिंताओं को तालिबान अधिकारियों के साथ उच्चतम स्तर पर तुरंत उठाए। चंडोक ने कहा कि अफगानिस्तान में मौजूदा शासन को संयुक्त राष्ट्र चार्टर और वहां रहने वाले अल्पसंख्यकों की भलाई के अनुपालन को सुनिश्चित करना चाहिए।
यह पहली बार नहीं है जब करता परवन गुरुद्वारे के श्रद्धालुओं को तालिबान लड़ाकों की बर्बरता का शिकार होना पड़ा है। हाल ही में करता परवन गुरुद्वारे में तालिबान के लड़ाके हथियारों के साथ घुसे थे और कई लोगों को बंदी बना लिया था। मालूम हो कि काबुल का करता परवन गुरुद्वारा वही पवित्र स्थान है जहां सिखों के गुरु नानक देव जी पधारे थे। चंडोक का कहना है कि शांति की बात करने तालिबान की इन करतूतों ने उसके तमाम दावों की पोल खोलकर रख दी है।