एक बार फिर से बिहार में एनडीए की सरकार बन चुकी है। यह बात लगता है कि लालू यादव के गले नहीं उतर रही है। लिहाजा, वो हर जोरतोड़ बैठाने की कोशिश में जुट गए हैं, जिससे की प्रदेश में कैसे भी महागठबंधन की सरकार सत्ता में स्थापित हो पाए, मगर यहां तो उनके द्वारा फेंका गया हर पासा ही उल्टा पड़ रहा है। अभी यहीं देख लीजिए खबर आ रही है कि लालू यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है और यह एफआईआर किसी और ने नहीं बल्कि बीजेपी विधायक ललन सिंह ने लालू के खिलाफ दर्ज करवाई है। लालू पर आरोप है कि वे बीजेपी विधायकों को धन और पद का प्रलोभन देकर राजग को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। ललन सिंह ने यह बात खुद अपनी तहरीर में कही है। सिंह का कहना है कि लालू ने खुद उन्हें फोन कर प्रलोभन दिया था, लेकिन उन्होंने साफ इनकार कर दिया। खैर, अब इस पूरे प्रकरण को लेकर लालू के खिलाफ पटना में एफआईआर दर्ज हो चुकी है।
बुरे फंस गए लालू यादव
उधर, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने कहा कि मुझे पता चला है कि लालू यादव जेल से फोन कर लोगों से बात कर रहे हैं। मांझी ने कहा कि वो मुझसे भी बात करना चाहते हैं, मगर मैं एक बात साफ किए देता हूं कि लालू यादव जो भी कर रहे हैं… वो बिल्कुल गलत है… उनके इरादे गलत हैं। वहीं, इससे पहले बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी एक ट्वीट कर कहा था कि लालू यादव एनडीए को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। वे एनडीए विधायकों को फोन कर उन्हें पद और पैसों का लालच दे रहे हैं। सुशील मोदी ने कहा कि मैंने लालू यादव को ऐसा न करने के लिए फोन भी किया था। मैंने उन्हें कहा था कि वे जो कर रहे है। गलत कर रहे हैं।
जैल मैन्युअल का किया उल्लंघन
इसके साथ ही लालू यादव द्वारा फोन कर विधायकों को प्रलोभन देने के मसले पर अब जेल मैन्युअल के नियमों के उल्लंघन की बात कही जा रही है। इस पर जेल पदाधिकारियों पर सवाल उठ रहे हैं। सवाल किया जा रहा है कि आखिर उनके पास यह मोबाइल फोन आया तो आया कहां से.. इस पर जेल अधिकारी अपना बचाव करते हुए कह रहे हैं कि मौजूदा समय में लालू यादव अस्पताल में उपचाराधीन हैं तो ऐसी स्थिति में उनकी सारी जिम्मेदारी बनती है। बहरहाल, इस पूरे मसले को लेकर बिहार की सियासत में कशमकश का दौर जारी है। खैर, अब यह कशमकश का दौर कहां तक और कब तक जारी रहेगा। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।