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राम मंदिर में श्रद्धालुओं को नहीं मिलेगा प्रसाद, ट्रस्ट ने पुजारियों पर लगाया बैन

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान श्रीरामलला के मंदिर (Ayodhya Ram Temple) में अब श्रद्धालुओं को प्रसाद (Prasad (Ban) चरणामृत देने पर रोक लगा दी है. शक्रवार को राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Ram Janambhoomi Trust) ने इस पर बैन लगा दिया. ट्रस्ट का कहना है कि ये रोक कोरोना के संक्रमण (Corona Infection) को देखते हुए लगाई गई है. इससे पहले श्रद्धालुओं को प्रसाद ले जाने पर प्रतिबंध लगा हुआ है.

ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्रा ने रामलला के पुजारियों पर श्रद्धालुओं को प्रसाद और चरणामृत देने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं ट्रस्ट के कुछ सदस्यों ने इस फैसले का विरोध भी किया है. रामलला के प्रधान पुजारी सत्येंद्र दास ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि प्रसाद चरणामृत पर रोक लगाने से अच्छा था कि सुरक्षा के इंतजाम किए जाते. पुजारी सत्येंद्र दास ने निकास गेट पर प्रसाद देने को लेकर कहा कि इसका कोई औचित्य नहीं है. श्रद्धालु दूर-दूर से अयोध्या पहुंच रहे हैं और राम मंदिर निर्माण का काम शुरू हो चुका है, ऐसे में रामलला के श्रद्धालुओं की संख्या भी बढ़ गई है. इसलिए श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान होना चाहिए था.

छोटे पैकेट में तैयार किया जाएगा प्रसाद

वहीं प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने नाराजगी जाहिर करते हुए ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्रा पर पुजारियों से अभद्रता का आरोप भी लगाया है. ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने कहा कि कोविड के चलते हाथ मे चरणामृत देना ठीक नहीं है. इसलिए से पैकेट में प्रसाद देने की व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने कहा कि हम लोग कोशिश कर रहे हैं कि कोई ऐसा प्रसाद तैयार करके भक्तों को उपलब्ध कराएं जो छोटे पैकेट में हो. जो सामान्य रूप प्रसाद से तृप्त भी हो सके. इससे कोई इस संक्रामक रोगों से कोई नुकसान भी ना हो, यह व्यवस्था जल्द ही लागू होगी.