हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में सुविंदर सिंह सुक्खू कैबिनेट (Suvinder Singh Sukhu Cabinet) का आज पहला विस्तार होगा। रविवार सुबह कांग्रेस के 10 नेता कैबिनेट मंत्री (10 Leader Cabinet Minister) के रूप में शपथ ले सकते हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लिस्ट कांग्रेस आलाकमान को सौंप दी है। उन्हें बस सहमति का इंतजार है। कांग्रेस के शीर्ष सूत्रों का कहना है कि शपथ लेने वाले नेताओं में भूतपूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह (Former Chief Minister Virbhadra Singh) के बेटे और शिमला ग्रामीण से विधायक विक्रमादित्य सिंह, शिलाई से पांच बार के विधायक हर्षवर्धन चौहान और कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक धनी राम शांडिल शामिल हैं।
कांग्रेस के शीर्ष सूत्रों ने यह भी बताया है कि जगत सिंह नेगी, चंदर कुमार और रोहित ठाकुर सहित पांच बार के सभी विधायकों के कल मंत्रियों के रूप में शपथ लेने की उम्मीद है। दिवंगत मंत्री जीएस बाली के पुत्र रघुबीर बाली के भी शपथ लेने की संभावना है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू मंत्रियों के नामों को अंतिम रूप देने के दिल्ली गए थे। उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व से इस विषय पर बात की और अपनी कैबिनेट को अंतिम रूप दिया। उन्होंने कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे, एआईसीसी महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल और एआईसीसी हिमाचल प्रभारी राजीव शुक्ला से मुलाकात की।
शनिवार को हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पार्टी आलाकमान को 10 लोगों की सूची सौंपी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार पहली कैबिनेट बैठक के बाद जल्द ही राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू करेगी। सीएम पार्टी आलाकमान से मुलाकात के बाद शनिवार शाम दिल्ली से शिमला पहुंचे।
सीएम ने कहा, “बैठकें व्यक्तिगत थीं। मंत्रिमंडल विस्तार मेरा विशेषाधिकार है और मैंने दस विधायकों की सूची आलाकमान को सौंपी है। जैसे ही मंजूरी मिलेगी, हम मंत्रिमंडल विस्तार करेंगे।” सुक्खू ने आगे बताया था कि वह रविवार को मुंबई जाएंगे।
उन्होंने कहा, “मैं कल मुंबई जा रहा हूं। पुणे में भी एक निर्धारित कार्यक्रम है। मुझे उम्मीद है कि जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार के लिए आलाकमान की मंजूरी मिल जाएगी। जैसे ही मुझे उम्मीदवारों की सूची प्राप्त होगी, मैं मंत्रिमंडल विस्तार को करूंगा।”
आपको बता दें कि सुखविंदर सिंह सुक्खू और मुकेश अग्निहोत्री ने 11 दिसंबर को मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों में से 40 पर जीत हासिल की थी। इनमें कांगड़ा की 10, शिमला की सात, ऊना, सोलन और हमीरपुर की चार-चार, सिरमौर की तीन, चंबा और कुल्लू की दो-दो और मंडी, बिलासपुर की एक-एक सीट शामिल है।