हरिद्वार में कुंभ के आयोजन को लेकर प्रदेश सरकार ने फिर साफ किया है कि कुंभ में कोई भी बेरोकटोक आ सकता है। साथ ही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने यह भी जोड़ा है कि कुंभ में केंद्र सरकार के कोविड-19 संबंधी दिशा-निर्देशों का पूरा पालन कराया जाएगा।
सचिवालय में वर्चुअल माध्यम के जरिये मीडिया से मुखातिब मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि सरकार दिव्य, सुंदर, स्वच्छ और सुरक्षित कुंभ के आयोजन के लिए संकल्पबद्ध है। पूरी कोशिश की जा रही है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को गैरजरूरी रोक-टोक का सामना न करना पड़े।
साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि केंद्र की गाइडलाइन का पालन किया जाएगा। केंद्र की गाइडलाइन में प्रत्येक आने वाले श्रद्धालु के लिए 72 घंटे की आरटीपीसीआर रिपोर्ट लाना जरूरी है। आरटीपीसीआर के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र की गाइडलाइन का पालन किया जाएगा।
मुख्य स्नान के लिए पूरी है व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य स्नान के लिए सीमा पर भारी संख्या में मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है। सुरक्षा के लिए कैमरे लगाए गए हैं और पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है। कुंभ की अधिसूचना जारी होने के बाद अब पहला स्नान 11 अप्रैल को है।
केंद्र का मिला पूरा सहयोग
मुख्यमंत्री ने बताया कि कुंभ के लिए केंद्र ने 700 करोड़ रुपये जारी किए हैं। नमामि गंगे योजना में सफाई व्यवस्था (शौचालय तथा डस्टबिन) के लिए 58 करोड़ के तहत 11800 अस्थायी शौचालय और 6674 अस्थायी मूत्रालय बनाए गए हैं। एक करोड़ रुपये पेंट माई सिटी अभियान के तहत दिए गए। 78 चेजिंग रूम के लिए 50 लाख रुपये मिले हैं।
स्वास्थ्य सुविधाओं और क्राउड मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान
कुंभ में स्वास्थ्य सुविधाओं के तहत 222 लाख रुपये से 150 बेड का अस्पताल बनाया गया है। 463 बेड क्षमता के 39 अस्थायी अस्पतालों में उपकरण, दवाईयां, मक्खी-मच्छर नियंत्रण, अस्थायी कार्मिकों आदि के लिए 7015.83 लाख की व्यवस्था की गई है। भीड़ नियंत्रण एवं सुरक्षा के लिए 17.34 करोड़ की लागत से पुलिस सर्विलांस सिस्टम बनाया गया है।