उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के करीब आते ही दलबदल का खेल शुरू हो गया है। समाजवादी पार्टी में बसपा के छह विधायकों के जाने बाद खलबली मच गयी है। शनिवार को ही बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के छह और सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था। आधा दर्जन विधायकों के एक साथ पार्टी छोड़ने के अगले ही दिन मायावती ने ट्वीट किया है। मायावती ने अखिलेश यादव को ये चेतावनी भी दे दी है कि इस तरह दूसरे दलों से नेताओं को आयात करने से कोई लाभ नहीं होगा, इससे नुकसान ही होगा। मायावती ने दल-बदलुओं को बरसाती मेंढक बताया है।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कहा है कि विधानसभा चुनाव नजदीक आने पर अब फिर से दल-बदलू लोगों के इस पार्टी से उस पार्टी में आने-जाने का दौर शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि इससे किसी भी पार्टी का जनाधार बढ़ने वाला नहीं है बल्कि नुकसान ही होगा। मायावती ने अपनी पार्टी के नेताओं को यह संदेश भी दिया कि बसपा के लोग इस तरह के बरसाती मेंढकों को पार्टी से दूर ही रखें।
उन्होंने चुनाव से पहले राजनीतिक दलों की बढ़ती तादाद को लेकर भी हमला बोला है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि चुनाव करीब आते ही कई ऐसी सियासी पार्टियां भी बरसाती मेंढक की तरह सामने आने लगी है। उन्होंने कहा कि जिनके नाम तक लोगों ने नहीं सुने हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता लोलुपता में इस तरह के खेल को जनता खूब समझती है। इससे लोगों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला। मायावती ने कहा कि परिवर्तन अटल है। उन्होंने बसपा विधायकों का नाम लिए बगैर मायावती ने ट्वीट कर अखिलेश को एक तरह से संदेश दे दिया है कि इससे नफा नहीं होने वाला। जिन विधायकों ने बसपा छोड़कर सपा का दामन थाम लिया है। उनमें जौनपुर जिले के मुंगराबादशाहपुर विधानसभा सीट से विधायक सुषमा पटेल, सीतापुर सिधौली के विधायक हरगोविंद भार्गव, हापुड़ के धौलाना विधायक असलम चैधरी, श्रावस्ती विधायक असलम राइनी, प्रयागराज के हंडिया विधायक हाकिम लाल बिंद और प्रतापपुर विधायक मुज्तबा सिद्दीकी शामिल हैं।