श्रीलंकाई नौसेना (Sri Lankan Marines) ने देश के जलक्षेत्र में अवैध रूप से मछली पकड़ने के आरोप में 23 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार कर उनकी दो नौकाएं जब्त कर लीं. बृहस्पतिवार को जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है. नौसेना ने उत्तरी प्रांत में पॉइंट पेद्रो क्षेत्र के वेट्टीलैकनी तट पर मछुआरों को गिरफ्तार किया. नौसेना ने एक बयान में कहा, ‘श्रीलंकाई जलक्षेत्र में विदेशी मछुआरों द्वारा अवैध रूप से मछली पकड़े जाने से स्थानीय मछुआरा समुदाय पर पड़ने वाले प्रभाव और श्रीलंका के मत्स्य संसाधनों की निरंतरता को ध्यान में रखते हुए, नौसेना नियमित गश्त के साथ-साथ इन गतिविधियों को रोकने के लिए अभियान चला रही है.’
अभियान के दौरान मछली पकड़ने के उपकरण भी जब्त कर लिये गए. साथ ही बड़ी संख्या में मछली भी जब्त की गई हैं. मार्च में नौसेना ने अपने देश के जलक्षेत्र में मछली पकड़ने के आरोप में 54 भारतीय नागरिकों को पकड़ा था और उनकी नौकाएं जब्त कर ली थीं. नौसेना का कहना है कि कोविड-19 महामारी की वजह से विदेशी नौकाओं को सीमित संख्या में ही जब्त किया जाता है और गिरफ्तार किए गए मछुआरों को उनके देश वापस भेज दिया जाता है. वहीं इस साल की शुरुआत में श्रीलंकाई नौसैनिकों ने भारतीय मछुआरों के मछली पकड़ने वाले जाल नष्ट कर दिए थे. मत्स्य विभाग (Fisheries Department) के अधिकारियों ने बताया था कि श्रीलंकाई नौसेना ने 9 भारतीय मछुआरों को नेदुनथीवू के निकट गिरफ्तार किया और उनकी मछली पकड़ने वाली एक नौका भी जब्त कर ली थी.
अधिकारियों ने बताया था कि एक अन्य घटना में श्रीलंकाई नौसैनिकों ने शनिवार को कच्चाथीवू के निकट भारतीय मछुआरों की 20 नौकाओं के जाल नष्ट कर दिए. उन्होंने बताया कि श्रीलंकाई जवानों ने भारतीय मछुआरों पर पथराव किया और बोतलें फेंकीं. मछुआरों के संगठन के प्रतिनिधि सेसुराजा ने श्रीलंकाई नौसैनिकों की कार्रवाई की निंदा की और कहा कि साजो-सामान को क्षतिग्रस्त करने से मछुआरों को मुश्किलें आती हैं.वहीं पिछले साल अक्टूबर में श्रीलंकाई नौसेना ने भारतीय मछुआरों के एक दल को निशाना बनाया था. इस दल को घुसपैठिये बताते हुए इन पर घातक हथियारों से हमला किया गया था. इस हमले में एक भारतीय मछुआरे के गंभीर रूप से घायल हो जाने की सूचना मिली है.