रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ उनके संबंध कामचलाऊ और स्थिर हैं। कहा, दोनों नेताओं के संबंध सकारात्मक हैं। इससे दोनों देशों के संबंधों को सामान्य बनाने में मदद मिलेगी। पुतिन ने यह बात अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा सम्मेलन के अंतर्गत आयोजित समूह परिचर्चा में कही। कहा, रूस यूरोपीय देशों को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करने के लिए तैयार है। इससे वहां ईंधन की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी। लेकिन इसके लिए उनका देश निश्चित मूल्य चाहता है।
पुतिन ने यूरोपीय विशेषज्ञों के उन आरोपों को खारिज किया जिनमें कहा जा रहा है कि रूस गैस आपूर्ति इसलिए धीमी किए हुए है क्योंकि वह गैस मूल्य में बढ़ोतरी करना चाहता है। इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाले पत्रकार दिमित्री मुराटोव के संबंध में पुतिन ने कहा, अगर वह कोई कानून नहीं तोड़ रहे और विदेशी एजेंट के रूप में रूस का कोई नुकसान नहीं कर रहे तो उन्हें लेकर किसी को डरने की जरूरत नहीं है। वह सुकून से रूस में रह सकते हैं।
बता दें कि कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया में सबसे पहले रूस ने टीका बनाया था। रूस ने सबसे पहले स्पूतनिक वी नाम से वैक्सीन बनाई थी। लेकिन अब इस वैक्सीन को बनाने वाली रूसी कंपनी गेमालेया नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी पर चोरी का आरोप लगा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूके की ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका वैक्सीन (Oxford/AstraZeneca) का ब्लूप्रिंट रूसी जासूसों ने चुरा लिया था। फिर इसका इस्तेमाल स्पूतनिक V वैक्सीन (Sputnik V) बनाने में किया गया।
द सन की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन के मंत्रियों को बताया गया है कि रूस ने आक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन का फार्मूला चुरा लिया और इसका इस्तेमाल अपनी स्पुतनिक वैक्सीन बनाने में किया। सूत्रों ने कथित रूप से मंत्रियों को बताया कि इस बात के पक्के सबूत हैं कि रूस के लिए काम करने वाले जासूसों ने एस्ट्राजेनेका कंपनी से यह कोविशील्ड का डिजाइन चुराया ताकि अपनी स्पुतनिक वैक्सीन को बनाया जा सके। यह दावा ऐसे समय पर आया है जब कुछ महीने पहले ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया था कि उन्होंने स्पुतनिक वी कोरोना वैक्सीन लगवाई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस की स्पुतनिक वैक्सीन, ऑक्सफोर्ड डिजाइन की गई वैक्सीन के समान तकनीक का उपयोग करती है। ब्रिटेन के सुरक्षा दल अब सुनिश्चित है कि इसे कापी किया गया था। यह समझा जाता है कि डाटा एक विदेशी एजेंट(जासूस) द्वारा व्यक्तिगत रूप से चुराया गया था।