डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों ने किसानों की लागत को बढ़ा दिया है और बचत कम हो गई है. किसानों की इस समस्या के समाधान को ध्यान में रखते हुए चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्विधालय (एचएयू) में वैज्ञानिक और छात्रों ने इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर बनाया है. एचएयू ई-ट्रैक्टर पर अनुसंधान करने वाला पहला विश्वविद्यालय बन चुका है. एचएयू वैज्ञानिकों का विकसित किया ई-टैक्टरहरियाणा की किसी सरकारी संसथान में बना पहला इलैक्ट्रिक ट्रैक्टर है. इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर की क्षमता 22 एचपी डीजल ट्रैक्टर के बराबर है. इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर किसानों के लिए मार्किट में लगभग 3 महीने बाद उपलब्ध होगा. इसके साथ ही किसानों को इस पर सब्सिडी दिए जाने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं.
हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर विकसित किए जाने पर ट्वीट कर एचएयू के वैज्ञानिकों को बधाई दी है. यह अनुसंधान उपलब्धि कृषि मशीनरी और फार्म इंजीनियरिंग विभाग के वैज्ञानिक एवं वर्तमान निदेशक, उत्तरी क्षेत्र कृषि मशीनरी परीक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान, हिसार डॉ. मुकेश जैन के मार्गदर्शन में प्राप्त की गई है. चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्विधालय के वीसी डॉ बीआर कम्बोज ने जानकारी देते हुए बताया की एचएयू देश का पहला विश्विधालय है जिसने ई ट्रेक्टर पर अनुसन्धान किया है. डीजल की कीमत बढ़ने, प्रदुषण आदि को ध्यान में रखते हुए इंजीनियरिंग कॉलेज ने ई ट्रैक्टर बनाया है. हरियाणा में अधिकतर सीमांत किसान है जिनके लिए 20 से 25 एचपी का ट्रैक्टर बिना डीजल के खर्च कार्य करने में मददगार है.
उन्होंने बताया की यह ट्रैक्टर छात्रों, विश्विधालय के वैज्ञानिकों ने मिलकर बनाया है. भविष्य में सरकार इस ट्रैक्टर पर सब्सिडी भी उपलब्ध करवा सकती है. हरियाणा सरकार ने यूनिवर्सिटी के कार्य की सराहना की है. उन्होंने कहा की अगले 3 से 6 माह में ट्रैक्टर मार्किट में आने की तरफ कार्यरत हैं. एचएयू के वैज्ञानिक और वर्तमान में कृषि यंत्र प्रशिक्षण एवं परीक्षण संस्थान के डायरेक्टर पद पर कार्यरत डॉ. मुकेश जैन ने जानकारी देते हुए बताया की विश्वविद्यालय के कृषि इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी कॉलेज ने इस ई-ट्रैक्टर को तैयार किया है. ट्रैक्टर 16.2 किलोवाट की बैटरी से चलता है और डीजल ट्रैक्टर की तुलना में इसकी संचालन लागत बहुत कम है. इसकी बैटरी को 9 घंटे में फुल चार्ज किया जा सकता है. इस दौरान 19 से 20 यूनिट बिजली की खपत होती है. ई-ट्रैक्टर 23.17 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से चल सकता है व 1.5 टन वजन के ट्रेलर के साथ 80 किलोमीटर तक का सफर कर सकता है. इस ट्रैक्टर के प्रयोग से किसानों की आमदनी में काफी इजाफा होगा.