आतंकियों का खौफ अब लोगों पर दिखने लगा है। जम्मू कश्मीर में प्रवासी मजदूरों को आतंकियों द्वारा निशाना बनाए जाने के बाद डर, भय का माहौल बढ़ता जा रहा है। दूसरे प्रदेशों से कश्मीर में काम करने पहुंचे लोग अब पलायन कर रहे हैं। रविवार को बिहार के दो प्रवासी मजदूरों की कश्मीर में हत्या के बाद रेलवे पलायन करने वालों की संख्या बढ़ी है। जम्मू रेलवे स्टेशन पर प्रवासी मजदूरों की भीड़ देखने को मिल रही है जो अपने घर लौटना चाहती है। जम्मू रेलवे स्टेशन के फुटपाथ पर भारी संख्या में लोग बैठे हैं। सब अपने-अपने घर जाने वाली ट्रेन का इंतजार कर रहे हैं। कश्मीर की हालात खराब होते जा रहे हैं। कुछ मजदूरों की आंखें भी भर आईं. भूख की वजह से वहां मजदूरों के बच्चे रोते-बिलखते दिखे। मजदूरों ने कहा कि हम लोग कभी वापस घाटी (कश्मीर) में नहीं जाएंगे क्योंकि वहां आतंकी धमकी दे रहे हैं और चुनकर हमले कर रहे हैं।
प्रवासी मजदूरों पर आतंकी हमलों का खौफ
प्रवासी कामगारों का मानना है कि उनको जान का खतरा है। उनके पास कोई जमापूंजी भी नहीं है। कुछ ने आरोप लगाया कि जिस ईंट के भट्टे में वे लोग काम करते थे वहां के मालिक ने उनका बकाया पैसा भी नहीं दिया। खाली जेब ही लोग घर लौटने को मजबूर हैं क्योंकि बात यहां जान पर बन आई है।
गैर-कश्मीरियों को निशाना बना रहे आतंकी
ज्ञात हो कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी गैर-कश्मीरियों को निशाना बना रहे हैं, इससे लोग डर गए हैं। रविवार को दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकियों ने दो बिहार के रहने वाले मजदूरों की हत्या कर दी है। मृतकों की पहचान बिहार के निवासी राजा और जोगिंदर के रूप में हुई है। राजा ऋषिदेव (32) और जोगिंदर ऋषिदेव (34) दोनों अररिया के रहने वाले थे। इनके साथ चुनचुन ऋषिदेव को भी गोली मारी गई थी लेकिन उनकी जान बच गई। बताया जा रहा है कि राजा, जोगिंदर और चुनचुन करीब छह महीने पहले कश्मीर गए थे। शनिवार को भी आतंकियों ने पुलवामा और श्रीनगर में दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। श्रीनगर में बिहार के बांका जिले के रहने वाले अरविंद कुमार साह (30) को निशाना बनाया गया था। पुलवामा में उत्तर प्रदेश निवासी सगीर अहमद की हत्या की गई थी। 56 साल के सागीर यूपी में सहारनपुर के रहने वाले थे।
बिहार में राजनीति तेज
कश्मीर में बिहार के लोगों पर हुए हमलों पर सीएम नीतीश कुमार ने चिंता जताई थी। उन्होंने प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से बात भी की है। इसके अलावा मारे गए लोगों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। राज्य के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि 15 दिनों के लिए बिहारियों को कश्मीर सौंप देना चाहिए, वे सब ठीक कर देंगे।