पिछले कुछ दिनों में लाल सागर (Red Sea) में हूती (Houthi) के हमलों में गिरावट देखने को मिली थी, लेकिन इजराइल (israel) के राफा (Rafa) अटैक के बाद फिर से हूतियों ने अपने अटैक तेज कर दिए हैं. लाल सागर में एक बार फिर बढ़े खतरे से अमेरिका (America) अलर्ट हो गया है. अमेरिका ने सोमवार को ईरान (iran) से हूती विद्रोहियों को हथियारों की आपूर्ती रोकने के लिए कहा है.
अमेरिकी उप राजदूत रॉबर्ट वुड ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा कि यमन में गृह युद्ध को रोकना चाहते हैं, तो यमन को अस्थिर करने वाले ईरान की भूमिका को खत्म करना चाहिए. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ईरान हूतियों के पीछे नहीं छिप सकता है.
“ईरान कर रहा UN कानूनों को उल्लंघन”
रॉबर्ट वुड ने कहा कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि ईरान ने संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का उल्लंघन किया है और हूतियों को बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों सहित कई एडवांस हथियार दिए हैं. वुड ने सुरक्षा परिषद से अपील की है कि हथियारों की आपूर्ती रोकने के लिए हमें और अधिक प्रयास करने चाहिए.
इजराइल पर दबाव बनाने के लिए हमले
हूती विद्रोहियों का कहना है कि लाल सागर और अदन की खाड़ी में उनके हमलों का उद्देश्य इजराइल पर गाजा में हमास के साथ युद्ध को खत्म करने के लिए दबाव डालना है. इजराइल के हमलों में अबतक 35,000 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए हैं जिनमें हमास के सदस्य भी हैं. अब इजराइल ने दक्षिण गाजा के आखिरी शहर राफा में भी अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है जिसकी वजह से तनाव और बढ़ गया है.
हूतियों ने यमन में भी मचाया कहर
सिन्हुआ (Xinhua) की रिपोर्ट के मुताबिक यमन के मध्य प्रांत मारिब में अतंरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त यमन सरकार की सेना और यमन हूती के बीच हुए खूनी संघर्ष में करीब 10 लोग मारे गए हैं. बता दें कि यमन में पिछले एक दशक से राजनीतिक अस्थिरता चल रही है. यमन के 65 फीसदी हिस्से और राजधानी सना पर ईरान समर्थित हूती का कंट्रोल है और बाकी इलाके पर सऊदी और अमेरिका समर्थित सरकार प्रशासन करती है. इसी सरकार को UN मान्यता देता है.