टीम इंडिया के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) 1983 विश्व कप (World Cup) विेजेता टीम के सदस्य रहे। 11 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में उन्होंने भारत के लिए कई उपयोगी पारियां खेलीं। बाएं हाथ के स्पिनर और दाएं हाथ के बल्लेबाज को चैंपियन ऑफ चैंपियंस कहा जाता था। 1985 में भारत ने जब ऑस्ट्रेलिया में वर्ल्ड चैंपियनशिप जीती थी तो शास्त्री को प्लेयर ऑफ द सीरीज चुना गया था। उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नमेंट में ऑडी 100 कार मिली थी।
रिटायरमेंट के बाद मुंबई के इस क्रिकेटर ने कॉमेंटेटर के रूप में अपनी पहचान बनाई। वह टीम इंडिया के मुख्य कोच भी रहे और उनकी सरपरस्ती में भारतीय टीम ने कई कामयाबियां हासिल कीं। 59 वर्षीय शास्त्री ने इस पर भी चर्चा की अगर वह आईपीएल की नीलामी में जाते तो उन पर कितनी बोली लगती। शास्त्री ने साफ कहा कि वह बेशक मार्की खिलाड़ियों की लिस्ट में शामिल होते।
शास्त्री ने ईएसपीएन क्रिकइंफो के साथ बातचीत में कहा, ‘आराम से 15 करोड़ के ब्रैकेट में शामिल होता! और साथ ही टीम का कप्तान भी होता। कोई शक नहीं। इसमें ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है।’ ध्यान देने की बात है कि शास्त्री ने खुद को जो रकम मिल सकने की बात कही है वह भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की आईपीएल 2022 की सैलेरी से भी ज्यादा है।
धोनी, पिछले साल से 15 करोड़ रुपये से ज्यादा सैलरी मिल रही थी। उन्होंने इस बार अपनी सैलरी में कटौती करवाने का फैसला किया। चेन्नई सुपर किंग्स ने 12 करोड़ रुपये में उन्हें रीटेन किया। इसके बाद धोनी ने टीम की कप्तानी भी छोड़ने का फैसला किया। स्टार ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा को टीम की कमान सौंपी गई। वह इस सीजन में टीम के सबसे महंगे खिलाड़ी हैं। उन्हें टीम ने 16 करोड़ रुपये देकर अपने साथ रीटेन किया है। रवि शास्त्री का कार्यकाल बीते साल टी20 वर्ल्ड कप के बाद समाप्त हो गया था।