प्रदेश की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक फैसले से पंचायत चुनाव का परिदृश्य ही बदल जाएगा। चुनाव के दौरान छोटे स्टाम्प विक्रेता कालाबाजारी करते थे उन्हें अब मौका नहीं मिलेगा। प्रदेश के स्टाम्प व पंजीयन विभाग ने आनलाइन ई-स्टाम्पिंग सेल्फ प्रिंटिंग की व्यवस्था लागू कर दिया है। पंचायती चुनाव में कम मूल्य के ऐसे स्टाम्प पेपर की मांग होती है, इसी को देखते ऑनलाइन स्टाम्प की व्यवस्था की गयी है। इस व्यवस्था के तहत पांच सौ रुपये तक के स्टाम्प को खुद जरूरतमंद व्यक्ति द्वारा स्टाक होल्डिंग कारपोरेशन आफ इण्डिया लिमिटेड की वेबसाइट पर ऑनलाइन शुल्क जमा कर के छाप सकेगा। कोई व्यक्ति जो अल्प धनराशि के स्टाम्प शुल्क का भुगतान करना चाहता है, वह स्टाक होल्डिंग कारपोरेशन आफ इण्डिया की वेबसाइट पर ऑनलाइन ई-स्टाम्पिंग प्रणाली में भुगतान के लिए रजिस्टर करेगा। रजिस्ट्रेशन के बाद उसका सत्यापन होगा और फिर यूजर आईडी और पासवर्ड सृजित होगा। इस रजिस्टर्ड यूजर आईडी और पासवर्ड का इस्तेमाल करते हुए लाॅगइन किया जाएगा।
प्रयोक्ता व्यक्ति द्वारा आवश्यक विवरण जैसे राज्य, अनुच्छेद, स्टाम्प शुल्क की राशि, पक्षकारों का विवरण दाखिल किया जाना अनिवार्य होगा। भुगतान के बाद ई-स्टाम्प सर्टीफिकेट का प्रयोक्ता ई-स्टाम्प प्रमाण पत्र खरीदने वाले व्यक्ति द्वारा अपने कम्प्यूटर और प्रिण्टर से उसे प्रिण्ट कर सकेगा या फिर साइबर कैफे से उसे प्रिण्ट करवा सकेगा।
ई-स्टाम्प का यह प्रिण्ट 80 जीएसएम इक्जीक्यूटिव बाण्ड के कागज पर ही लिया जा सकेगा। ज्ञात हो कि यह प्रक्रिया केवल पांच सौ रुपये की अधिकतम सीमा तक के स्टाम्प शुल्क के भुगतान पर ही लागू होगी। प्रदेश के स्टाम्प आयुक्त और सम्बंधित एजेंसी सुनिश्चत करेंगी कि राज्य को किसी भी तरह की वित्तीय क्षति न होने पाए। राज्य सरकार कालाबाजारी और वित्तीय दोनों मामलों को देख रही है।