प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को देश का तीसरी बार प्रधानमंत्री (Prime Minister third time.) बनाने के लिए उज्जैन के रामघाट (Ramghat of Ujjain) पर स्थित पिशाच मुक्तरेश्वर मंदिर (Vampire Muktareshwar Temple) में एक विशेष अनुष्ठान किया जा रहा है। इस अनुष्ठान का मकसद लोकसभा चुनावों (Lok Sabha elections) में भाजपा की जीत सुनिश्चित कराना है। अनुष्ठान में पितृ दोष दूर करने के लिए पिशाच मुक्तेश्वर महादेव की आराधना की जा रही है। अनुष्ठान मंगलवार से शुरू हुआ। रोजाना यह शाम 8 बजे से शुरू होकर रात 10 बजे तक चलेगा।
पितृ दोष से मुक्त मुक्त करने के लिए यह साधना
शिप्रा तट पर स्थित श्मशान भूमि शोध संस्थान उज्जैन के रामघाट पर पिशाच मुक्तेश्वर महादेव मंदिर शिप्रा आरती द्वार के पास धर्मराज मंदिर के सामने स्थित है। जानकारों की मानें तो पितृ दोष से मुक्त मुक्त करने के लिए पिचास मुक्तरेश्वर की साधना की जाती है। उज्जैन में 84 महादेव में से 68 वे नंबर के महादेव पिचाश मुक्तरेश्वर महादेव विराजमान हैं। स्कंद पुराण के अवंतिका खंड में पिशाच मुक्तेश्वर का उल्लेख मिलता है।
मंदिर में काले पाषाण का शिवलिंग
रामघाट पर पिंड विसर्जन करने से पहले पिशाच मुक्तेश्वर के दर्शन करने की मान्यता है ताकि पितरों को पिशाच की योनि न मिले। पिशाच मुक्तेश्वर महादेव मंदिर में काले पाषाण का शिवलिंग है। मान्यता है कि इस शिवलिंग के दर्शन करने से मौत के बाद पिशाच योनि नहीं मिलती है। पिशाच मुक्तेश्वर महादेव की पूजा अर्चना करने से पितृ मुक्त हो जाते हैं।
शपथग्रहण समारोह तक चलेगा अनुष्ठान
इस अनुष्ठान के संयोजक पंडित रामनरेश शुक्ला बताते हैं कि बीजेपी की पूर्ण बहुमत से सरकार बने और नरेन्द्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनें, इस कामना के साथ पिशाच मुक्तेश्वर महादेव की साधना की जा रही है। पीएम मोदी के शपथग्रहण समारोह तक उक्त संकल्प के निमित्त विशेष पूजा की जाएगी। पंडित रामनरेश शुक्ला ने कहा कि देश के चहुंमुखी विकास के लिए यह अनुष्ठान शुरू किया गया है।