पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतें कार चलाने वालों के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं है। पेट्रोल का खर्च हर महीने लोगों की जेब पर बहुत भारी पड़ता है। ऐसे में अकसर लोग सोचते हैं कि काश पानी से कार चलती तो कितना अच्छा होता। अब तक ये बात लोगों के मन में थी, मगर अब ये सच होने जा रही है। जी हां आपने सही पढ़ा। बहुत जल्द आपको पानी से चलने वाली कार देखने को मिल सकती है। पानी से चलने वाली कार भारत आ चुकी है। जानते हैं इस कार की पूरी डिटेल।
क्या है तैयारी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उन्होंने एक ऐसी कार मंगवाई है जो एक पायलट प्रोजेक्ट के लिए फरीदाबाद के तेल रिसर्च इंस्टिट्यूट में उत्पादित ग्रीन हाइड्रोजन पर चलेगी। परिवहन मंत्री ने कहा कि वह दिल्ली में उस कार को चलाएंगे ताकि लोगों को विश्वास हो कि पानी से हरी हाइड्रोजन प्राप्त करना संभव है। मंत्री संभावित परिवहन ईंधन के रूप में हरित हाइड्रोजन की संभावनाओं पर जोर दे रहे हैं।
बसें भी चलेंगी नीतिन गडकरी ने कहा कि उनकी ग्रीन हाइड्रोजन पर बसें, ट्रक और कार चलाने की योजना है, जो शहरों में सीवेज के पानी और ठोस कचरे का उपयोग करके बनाई जाएगी। गडकरी द्वारा नागपुर में शुरू की गई 7 साल पुरानी एक परियोजना को लेकर उन्होंने कहा कि जहां सीवेज के पानी को अब नागपुर अपना सीवेज पानी महाराष्ट्र सरकार के बिजली संयंत्र को बेचता है और एक साल में लगभग 325 करोड़ कमाता है।
तेजी से हो रहा काम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गडकरी के मुताबिक ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़ियों में पानी का इस्तेमाल होगा। तकनीकी तौर पर बात करें तो पानी से ऑक्सीजन और हाइड्रोजन को अलग किया जाता है और फिर ग्रीन हाइड्रोजन तैयार होती है। इस दिशा में भारत पेट्रोलियम, इंडियन ऑयल, ओएनजीसी और एनटीपीसी जैसी सरकारी कंपनियां भी काम कर रही हैं।
कमाल की कार वैज्ञानिकों ने इतनी तरक्की कर ली है, कि अब पानी से चलने वाली कार का फॉर्मूल ढूंढ लिया है। पानी से चलने वाली पहली कार भारत भी आ चुकी है। मगर फिलहाल ये मार्केट में नहीं आई है। इसे मार्केट में आने में कितना समय लगेगा ये अभी नहीं जा सकता। गडकरी ने यह भी कहा कि लोगों को प्रशिक्षित करें ताकि इस पानी से ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन किया जा सके। इससे सभी बसें, ट्रक, कार भी चलाई जा सकती हैं।