कोरोना महामारी की लहर को देखते हुए अभी तक आधे से ज्यादा राज्यों में स्कूल नहीं खोले गए हैं. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन तरीके से ही करवाई जा रही है. इसी बीच बोर्ड परीक्षा को लेकर एक बड़ा ऐलान किया गया है. दरअसल माध्यमिक शिक्षा मंडल की तरफ से 10वीं और 12वीं की होने वाली परीक्षाओं के छात्रों (Students) को राहत दिया गया है. जी हां 2020 से 21 में होने वाली बोर्ड परीक्षा में विद्यार्थियों को ये चांस दिया जाएगा कि यदि छात्र बोर्ड परीक्षा (Board Exam) में एक दफा फेल भी हो जाते हैं, तो उन्हें तीन महीने के बाद फिर से परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा. यही नहीं खास बात तो ये होगी अब मार्कशीट पर पहले जैसे सप्लीमेंट्री नहीं लिखा होगा और जिस विषय में बच्चे फेल होंगे उसमें स्टार भी नहीं लगे होंगे.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये निर्णय सिर्फ MP राज्य में बच्चों के लिए लिया गया है. ऐसे में माध्यमिक शिक्षा मंडल मेन परीक्षा के तीन महीने बाद दोबारा से एक परीक्षा आयोजित करेंगे. इसका नाम सप्लीमेंट्री या पूरक परीक्षा नहीं होगा. यही नहीं यदि किसी परीक्षा में स्टूडेंट के नंबर कम आते हैं तो, वो भी अपने सारे सब्जेक्ट की परीक्षा दूसरी बार दे सकते हैं. लेकिन याद रहे कि जो बच्चे दोबारा परीक्षा देना चाहते हैं, उन्हें फिर से परीक्षा के तौर पर भुगतान करना होगा. फैसले के मुताबिक जिस मार्कशीट में बच्चे का ज्यादा नंबर होगा, उस रिजल्ट को मान्यता मिलेगी.
इस बारे में जानकारी देते हुए माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष राधेश्याम जुलानिया ने बताया कि, यदि कोई स्टूडेंट एक या फिर दो सब्जेक्ट में फेल हो जाता है, तो वो तीन महीने के बाद दूसरी परीक्षा में उस विषय के लिए दोबारा एग्जाम दे सकता है. यही नहीं यदि स्टूडेंट सारे विषयों की परीक्षा फिर से देना चाहता है तो, वो दे सकेगा. उन्होंने ये भी बताया कि, यदि 12वीं में कोई स्टूडेंट 11वीं में लिए हुए सब्जेक्ट के अवाला किसी दूसरे विषय में परीक्षा देना चाहता है, तो वो दे सकेगा. इससे साफ स्पष्ट होता है कि, अगर 11वीं में छात्र ने आर्ट्स लिया है लेकिन वो 12वीं में विज्ञान विषय को पढ़ना चाहता है, तो ये संभव होगा और उसे परीक्षा देने की अनुमति होगी. यानी कि अब स्टूडेंट्स पर किसी तरह का कोई प्रेशर नहीं होगा.